Highlights
- मारे गए आतंकवादी के पास से एक एके-47 राइफल, चार मैगजीन, एक ग्रेनेड, पाउच और कुछ भारतीय करेंसी बरामद हुई है।
- आतकंवादी की पहचान पाकिस्तान के रहने वाले अबू जरारा के रूप में हुई है।
- 370 को हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
जम्मू: जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में मंगलवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक शीर्ष पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया। अधिकारियों ने बताया कि इलाके में एक अन्य आतंकवादी की तलाश की जा रही है, जो उसका साथी है। रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने पुंछ के बहरामगला इलाके में हथियारबंद आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद एक तलाश अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि मंगलवार तड़के अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा कर्मियों पर गोलियां चलाकर भागने की कोशिश की। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की जिससे मुठभेड़ शुरू हो गयी। मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया।
प्रवक्ता ने बताया कि मारे गए आतंकवादी के पास से एक एके-47 राइफल, चार मैगजीन, एक ग्रेनेड, पाउच और कुछ भारतीय करेंसी बरामद हुई है। आतकंवादी की पहचान पाकिस्तान के रहने वाले अबू जरारा के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि विदेशी आतंकवादी को राजौरी-पुंछ क्षेत्र में हमले की योजना बनाने के संभावित उद्देश्य से काम करने के लिये विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया और बरगलाया गया था। उसका मारा जाना बड़ी सफलता है और इससे आतंकवाद-रोधी अभियानों को बल मिलेगा। उन्होंने कहा, ''वह इस साल मारा गया आठवां आतंकवादी है। हाल ही में एक खूंखार आतंकी हाजी आरिफ को भी राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर मार गिराया गया था।''
इस बीच केंद्र सरकार ने बताया कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है और आतंकवादी घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट आई है।" उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत किया गया है और सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ में भी काफी कमी आई है।
सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस साल आतंकी घटनाओं में 15 फीसदी की गिरावट आई है। वर्ष 2020 के दौरान 244 आतंक से संबंधित घटनाएं दर्ज की गईं, जो वर्तमान वर्ष में 5 दिसंबर तक घटकर 206 रह गईं है। इन आंकड़ों में जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस की 9वीं बटालियन की एक बस पर सोमवार को किया गया कायरतापूर्ण आतंकी हमला शामिल नहीं है, जिसमें दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए और 12 अन्य घायल हो गए। सरकार के अनुसार, आतंकवादियों की ओर से की जाने वाली घुसपैठ में भी 45 प्रतिशत की काफी कमी आई है। 2020 में 51 आतंकियों ने भारत में घुसपैठ की, जबकि इस साल यह संख्या घटकर 28 रह गई।