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Jharkhand News: मुस्लिमों ने कहा, 'हमारी आबादी अब 75 फीसदी, हम तय करेंगे स्कूल के नियम', मचा बवाल

बताया जा रहा है कि मीडिया द्वारा मामले की जानकारी मिलने पर अधिकारियों की टीम सतर्क हुई और विद्यालय पहुंची।

Edited By: Vineet Kumar @JournoVineet
Updated on: July 06, 2022 6:22 IST
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Image Source : PTI Representational Image.

Highlights

  • कहा जा रहा है कि प्रिंसिपल ने मुस्लिम समाज के लोगों के दबाव के कारण प्रार्थना में बदलाव कर दिया।
  • 'दया कर दान विद्या का...' प्रार्थना को बंद करवाकर 'तू ही राम है, तू रहीम है...' प्रार्थना गवाई जा रही थी।
  • प्रिंसिपल ने बताया कि अधिकतर बच्चे मुस्लिम समुदाय से आते हैं और प्रार्थना के वक्त हाथ नहीं जोड़ते।

Jharkhand News: झारखंड के गढ़वा जिले के सदर प्रखंड में आने वाले कोरवाडीह में स्थित राजकीय उत्क्रमित विद्यालय में मजहब के नाम पर एक नया विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। आरोप हैं कि इलाके में बहुसंख्यक आबादी वाले मुस्लिमों ने मनमानी करने की कोशिश की है और उन्होंने स्कूल की प्रार्थना तक बदलवा दी है। मुस्लिम समाज के लोगों पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने प्रार्थना में यह बदलाव सिर्फ इसलिए करवा दिया क्योंकि यहां मुसलमानों की संख्या ज्यादा है।

'तू ही राम है, तू रहीम है’ प्रार्थना हुई थी शुरू

बताया जाता है कि स्कूल के बच्चे सालों से एक ही प्रार्थना करते आ रहे थे। आरोप है कि इस बीच मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि स्थानीय स्तर पर उनकी आबादी 75 प्रतिशत हो गई है, इसलिए नियम भी उनके मुताबिक ही बनने चाहिए। मुस्लिम समाज के लोगों के दबाव के कारण प्रिंसिपल ने प्रार्थना में बदलाव कर दिया। यहां 'दया कर दान विद्या का...' प्रार्थना को बंद करवा दिया गया था और 'तू ही राम है, तू रहीम है...' प्रार्थना शुरू कर दी गई थी। सिर्फ इतना ही नहीं, प्रार्थना के दौरान बच्चों को हाथ जोड़ने से भी मना कर दिया गया था।

फिर से शुरू हुई आधिकारिक प्रार्थना
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशासन ने एक बार फिर से नियमानुसार प्रार्थना शुरू करवा दी है। बताया जा रहा है कि मीडिया द्वारा इसकी जानकारी मिलने पर अधिकारियों की टीम सतर्क हुई और विद्यालय पहुंची। अधिकारियों ने मंगलवार को विद्यालय पहुंचकर इस मामले की गहराई से छानबीन की, जिसमें यह बात सामने आई कि यहां पिछले कुछ सालों से हाथ बांधकर ही प्रार्थना की जाती है। स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि यहां अधिकतर बच्चे मुस्लिम समुदाय से आते हैं, और यहां जब प्रार्थना होती है, तो बच्चे हाथ नहीं जोड़ते। उन्होंने कहा कि मेरे कहने के बाद भी जब बच्चे नहीं माने तो मैंने कहना छोड़ दिया।

अधिकारियों के समझाने पर मान गए बच्चे
मामले को सुलझाने के लिए स्कूल पहुंचे जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने बच्चों को अपने पास बुलाया और उन्हें प्रार्थना करने के सही तरीके के बारे में समझाया। अधिकारियों ने बच्चों को बताया कि स्कूल में हाथ जोड़कर ही प्रार्थना करनी चाहिए। बताया जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा समझाने के बाद बच्चों ने हाथ जोड़कर ही प्रार्थना की और राष्ट्रगान गाया।

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