Highlights
- समय से ट्रैक्टर की किश्त नहीं चुका पाया किसान
- फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों की शर्मनाक करतूत
- किसान की गर्भवती बेटी को ट्रैक्टर से कुचला
Jharkhand News: झारखंड के हजारीबाग में ट्रैक्टर की किश्त ना चुका पाने पर जबरन ट्रैक्टर उठाने आये फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों द्वारा भगाये जा रहे ट्रैक्टर से कुचल कर मारी गयी महिला के पिता ने दोषियों को फांसी देने की मांग की है। महिला के पिता मिथिलेश मेहता ने आज मीडिया से कहा, ‘‘मुझे सरकार से कुछ नहीं चाहिए, न तो कोई हर्जाना चाहिए न ही कोई सरकारी लाभ चाहिए। मुझे तो सिर्फ अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहिए और वह इंसाफ हत्यारों और जालिमों को मौत की सजा से कम कुछ भी नहीं हो सकता है।’’ मिथिलेश मेहता किसान हैं और उनके चार बच्चों में मोनिका सबसे बड़ी थी और नजदीक के ही डुमरांव गांव के एक व्यापारी से उसकी पिछले वर्ष मई में शादी हुई थी। वह तीन माह की गर्भवती थी। केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री अन्नपूर्णा यादव ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें ढांढ़स बंधाया। उन्होंने सरकार से तत्काल परिवार को बीस लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज
हजारीबाग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस सिलसिले में चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है और सभी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय के उपाधीक्षक राजीव कुमार के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया गया है जो उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। घटना शुक्रवार को झारखंड के हजारीबाग में हुई। हजारीबाग में ट्रैक्टर की किश्त समय पर न चुका पाने पर किसान का ट्रैक्टर जबरन उठाने आये फाइनेंस कंपनी के कर्मियों ने दिव्यांग किसान की गर्भवती बेटी को वाहन से कुचल दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी।
ट्रैक्टर जबरन लेकर जाने लगे
हजारीबाग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने बताया कि इचाक पुलिस थाना क्षेत्र के बरियाठ के दिव्यांग किसान मिथिलेश मेहता को महिंद्रा फाइनेंस कंपनी से संदेश मिला था कि वह ट्रैक्टर खरीदने के लिए लिये गये कंपनी के कर्ज की एक लाख तीस हजार रुपये की बकाया किश्तें बृहस्पतिवार तक अवश्य जमा करा दें लेकिन जब वह ऐसा नहीं कर सका तो शुक्रवार को फाइनेंस कंपनी के एजेंट एवं अधिकारी उसके घर पहुंचे और उसका ट्रैक्टर उठा लिया। उन्होंने बताया कि जब वह किसान का ट्रैक्टर ले जाने लगे तो किसान उनके पीछे भागा और तत्काल एक लाख, बीस हजार की बकाया राशि देने की बात कही लेकिन फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी नहीं माने और उसका ट्रैक्टर जबरन लेकर जाने लगे।
कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की मांग
उन्होंने बताया कि दिव्यांग किसान की 27 वर्षीय बेटी मोनिका उन्हें रोकने के लिए पीछे भागी,लेकिन वह वाहन की चपेट में आ गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव रखकर प्रदर्शन किया और परिवार को तत्काल दस लाख रूपये का मुआवजा देने और फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की मांग की।