Highlights
- स्कूल में खेलकूद प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे पूर्व विधायक
- 15-20 नक्सली सभा स्थल पर पहुंचे और हथियार लहराने लगे
- नक्सलियों ने इसके पहले भी किया था पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमला
रांची: झारखंड के चाईबासा जिला अंतर्गत गोइलकेरा थाना क्षेत्र में मंगलवार शाम को माओवादी नक्सलियों के हमले में भाजपा के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक के दो बॉडीगार्ड मारे गए। नक्सलियों का दस्ता विधायक की हत्या करने पहुंचा था, लेकिन वह किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक और उनके अंगरक्षकों पर नक्सलियों ने उस वक्त हमला किया, जब वह गोइलकेरा थाना क्षेत्र के झीलरुवां स्थित प्रोजेक्ट स्कूल मैदान में आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
बताया गया कि शाम लगभग छह-साढ़े छह बजे के बीच 15-20 नक्सली सभा स्थल पर पहुंचे और हथियार लहराने लगे। उन्होंने पूर्व विधायक के तीनों बॉडीगार्ड को अपने कब्जे में ले लिया। इस बीच पूर्व विधायक किसी तरह वहां से भागने में कामयाब रहे। वह सोनुआ थाना पुलिस के पास पहुंच गए हैं। चाईबासा एसपी अजय लिंडा ने नक्सली हमले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि घटनास्थल पर पुलिस कर्मियों को रवाना किया जा रहा है और घटना के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार नक्सली पूर्व विधायक के दो बॉडीगार्ड शंकर नायक और ठाकुर हेम्ब्रम नाम को अपने साथ ले गए और उनकी हत्या कर दी। हालांकि पुलिस ने अब तक इनके शव बरामद नहीं किए हैं। सोनुआ थाने पहुंचे पूर्व विधायक ने कहा है कि हमले में उनके दो बॉडीगार्ड मारे गए हैं। एक अन्य बॉडीगार्ड राम टुडू घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। पूर्व विधायक के अनुसार उन्होंने किसी तरह खुद को भीड़ में छुपाया वहां से भागने में सफल रहे।
नक्सलियों ने इसके पहले भी एक बार पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमला किया था, जिसमें वह बाल- बाल बच गए थे। बता दें कि 1 हफ्ते पहले भी गोइलकेरा थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या पुलिस की मुखबिरी करने के आरोप में कर दी थी।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने नक्सली हमले की इस घटना को राज्य की पुलिस प्रशासन की विफलता का परिणाम बताते हुए कहा है कि यह सरकार आम लोगों को सुरक्षा दे पाने में विफल है। अपराधियों और नक्सलियों का आतंक बढ़ गया है और सरकार खुद में मस्त है।