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रिम्स निदेशक की कार्यशैली से नाराज झारखंड HC, कहा- काम नहीं करना चाहते तो इस्तीफा दें

झारखंड हाई कोर्ट ने कहा, ऐसा लगता है कि रिम्स निदेशक काम नहीं करना चाहते हैं। वे रांची की बजाय दिल्ली या विदेश में ज्यादा समय बिताना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें रिजाइन कर देना चाहिए।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Nov 29, 2022 14:27 IST, Updated : Nov 29, 2022 14:27 IST
झारखंड हाई कोर्ट
Image Source : FILE PHOTO झारखंड हाई कोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल एवं मेडिकल कॉलेज राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) के निदेशक की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। रिम्स की बदहाली और नियमों के विपरीत आउटसोर्सिंग के जरिए कर्मियों की नियुक्ति के मामले में दायर जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई चली। 

इस दौरान कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा, "ऐसा लगता है कि रिम्स निदेशक काम नहीं करना चाहते हैं। वे रांची की बजाय दिल्ली या विदेश में ज्यादा समय बिताना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें रिजाइन कर देना चाहिए।" हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह कोर्ट में मौजूद रहे। 

'आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति क्यों की गई?'

कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा, "रिम्स में स्वीकृत पदों पर नियमित नियुक्ति करने का आदेश हाई कोर्ट ने दिया था। उसके बाद भी आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति क्यों की गई? रिम्स ने इस संबंध में राज्य सरकार से मार्गदर्शन क्यों मांगा, जबकि स्वीकृत पदों पर स्थाई नियुक्ति का कोर्ट का आदेश था। इस मामले में रिम्स निदेशक पर अवमानना का मामला चलाया जाएगा।" खंडपीठ ने कहा कि सरकार की ओर से रिम्स में आउटसोर्सिंग के आधार पर नियुक्ति के लिए सरकार की ओर से संकल्प जारी करना सही निर्णय नहीं था, क्योंकि इससे संबंधित मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। 

'नागरिक देश का होता है, राज्य का नहीं'

खंडपीठ ने पूछा कि रिम्स में चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति के विज्ञापन में यह कैसे लिखा है कि झारखंड के नागरिक ही आवेदन कर सकते हैं? नागरिक देश का होता है, राज्य का नहीं। कोर्ट ने कहा कि हालांकि बाद में सरकार ने नए विज्ञापन में इसमें संशोधन कर दिया, लेकिन इससे कई उम्मीदवार वंचित हो गए और उनकी उम्र सीमा बीत गई। सुनवाई के दौरान रिम्स ने भी माना कि विज्ञापन में गलती हुई है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 6 दिसंबर को तय की है।

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