Highlights
- साइबर क्रिमिनल्स बड़े अधिकारियों के फेक अकाउंट्स बनाकर करते थे लोगों से ठगी
- व्हाट्सएप अकाउंट पर जिले के कई बीडीओ-सीओ को मैसेज भेजकर पैसे की मांग की
- जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सूचना जारी कर लोगों को अलर्ट किया
Jharkhand News: साइबर क्रिमिनल्स ठगी और एक्सटॉर्शन के लिए अब झारखंड में डीजीपी, एसपी, डीसी से लेकर हाईकोर्ट के जस्टिस तक के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन अपराधियों ने अफसरों की फोटो का इस्तेमाल कर फेक व्हाट्सएप प्रोफाइल बना रखा है और इसके जरिए मातहत अफसरों से लेकर व्यवसायियों तक को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर पैसे की मांग करते हैं। पिछले तीन-चार महीनों में ऐसे एक दर्जन से भी ज्यादा केस आये हैं, लेकिन हैरत यह कि इस तरह का दुस्साहस करने वाले अपराधी पकड़ में नहीं आ रहे। मामला सामने आने पर साइबर पुलिस लोगों को अलर्ट मैसेज तो जारी कर रही है, लेकिन अब तक इक्के-दुक्के मामले में ही अपराधी पकड़े जा सके हैं।
DGP की फेक प्रोफाइल बनाकर IPS अधिकारियों से ठगी की कोशिश
बीते 26 जुलाई को झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा की फेक प्रोफाइल बनाकर दो आईपीएस अधिकारियों से ठगी का प्रयास किया किया। डीजीपी की फोटो लगे मोबाइल नंबर 9106724664 से झारखंड जगुआर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग और साहिबगंज के एसपी अनुरंजन किस्पोस्टा को भी गुड मार्निंग का मैसेज भेजा गया। एफआईआर दर्ज हुई तो एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले बीते पिछले साल मई महीने में साइबर अपराधियों ने डीजीपी के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर कई लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा और उनसे पैसे की मांग की थी।
झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर कर्मचारी से 1.5 लाख की ठगी
हद तो तब हो गई जब बीचे 24 जुलाई को झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस की फोटो लगा फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट से हाईकोर्ट में काम करने वाले राजीव कुमार को मैसेज कर डेढ़ लाख की ठगी कर ली गई। इस मामले में डोरंडा थाने में FIR कराई गई है। उन्होंने शिकायत की है कि उसके ऑफिस के नंबर पर चीफ जस्टिस की प्रोफाइल फोटो लगी मोबाइल से कॉल आया। इसके बाद मैसेज भेजा गया, जिसमें अमेजन पर 10000 रुपए के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का संदेश था। वह इससे ठगी का शिकार हो गए। इसके लिए राजीव सिन्हा ने अपने एसबीआई बचत खाता से डेढ़ लाख रुपये इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान भी कर दिया। भुगतान के बाद आए सभी 15 लिंक की सूचना उन्होंने संबंधित नंबर के व्हाट्सएप पर भेज दी। इसके बाद दोबारा उसी नंबर से दस हजार, दस हजार रुपए के 50 और गिफ्ट कार्ड खरीदने का अनुरोध उनके मोबाइल पर आया, तब उन्हें शंका हुई। इसके बाद राजीव सिन्हा ने ट्रूकॉलर से नंबर को चेक किया, जिसमें उन्हें वह नंबर किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड मिला। इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी SSP रांची को देते हुए FIR दर्ज कराई।
पुलिस अधिकारियों की फेक आईडी से मांगे जा रहे पैसे
पिछले महीने पाकुड़ डीसी वरुण रंजन की तस्वीर वाली फेक व्हाट्सएप आईडी से मातहत अधिकारियों से राशि की मांग की जा रही थी। इसमें साइबर अपराधियों द्वारा मोबाइल नंबर 8928735411 का इस्तेमाल किया गया था। इससे पूर्व 21 जून 2022 को उनकी तस्वीर वाली फेक व्हाट्सएप आईडी बनाकर अधिकारियों से राशि की मांग की गयी थी। इन दिनों गुमला के डीसी सुशांत गौरव की तस्वीर वाला व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर कई लोगों को मेसेज भेजा गया है। जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने इस बाबत सार्वजनिक तौर पर सूचना जारी कर लोगों को अलर्ट किया है और डीसी के नाम पर राशि मांगने या भुगतान करने के किसी संदेश का जवाब न करने की अपील की गयी है।
इसी तरह जून महीने में रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन की तस्वीर वाले एक व्हाट्सएप अकाउंट के जरिए जिले के कई बीडीओ-सीओ को मैसेज भेजकर पैसे की मांग की गई थी। चाईबासा के डीसी अनन्य मित्तल, लातेहार के डीसी भोर सिंह यादव, पलामू प्रमंडल के कमिश्नर जटाशंकर चौधरी, पलामू के तत्कालीन डीसी शशि रंजन, हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय, रामगढ़ जिले की डीसी माधुरी मिश्रा की तस्वीरों का इस्तेमाल कर फेक व्हाट्सएप प्रोफाइल बनाकर कई अफसरों को मैसेज भेजे गए हैं।