कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात के चलते पहलगाम को छोड़कर पूरी घाटी में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है, हालांकि मौसम विभाग ने सोमवार से अगले तीन दिन तक तेज बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, गुलमर्ग प्रसिद्ध स्की-रिसॉर्ट सहित कश्मीर के ऊंचाई वाले कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी दर्ज की गई। इसके अलावा कई अन्य इलाकों में रात में बारिश भी हुई।
बादल छाए रहने की वजह से घाटी में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई
अधिकारियों के मुताबिक, बादल छाए रहने की वजह से घाटी में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है। वहीं, श्रीनगर और काजीगुंड में रात का तापमान हिमांक बिंदु से ऊपर रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, श्रीनगर का न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो पिछली रात के 0.2 डिग्री सेल्सियस से अधिक है। घाटी के प्रवेश द्वार काजीगुंड में न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में न्यूनतम तापमान पिछली रात की तुलना में 2 डिग्री अधिक एवं शून्य से 1.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया जो पिछली रात की तुलना में अधिक था।
बारामूला जिले के गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया और यह प्रसिद्ध स्की-रिसॉर्ट जम्मू-कश्मीर में सबसे ठंडा स्थान रहा। अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। पहलगाम वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविर के रूप में भी काम करता है।
इन इलाकों में हो सकता है हिमस्खलन
वहीं जम्मू-कश्मीर के आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि अगले 24 घटों में डोडा, किश्तवाड़, पुंछ, रामबन, बांदीपोर और कुपवाड़ा जिलों में मध्यम खतरे के स्तर का हिमस्खलन और बारामुला और गांदरबल जिलों में कम खतरे के स्तर का हिमस्खलन होने की संभावना है। इसके साथ ही विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने और इन क्षेत्रों से बचने की सलाह जारी की है।
कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और हिमपात की संभावना
मौसम विभाग ने कहा कि घाटी में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश या हिमपात की संभावना है। इसके अनुसार, कश्मीर के मैदानी इलाकों में सोमवार से बुधवार तक तेज बारिश और हिमपात की संभावना है। बृहस्पतिवार और शुक्रवार को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और हिमपात की संभावना है। कश्मीर वर्तमान में 'चिल्लई कलां' की चपेट में है। 40 दिनों की सबसे कठोर इस मौसम अवधि में बर्फबारी की संभावना अधिक होती है। चिल्लई कलां 21 दिसंबर से शुरू होता है और 30 जनवरी को समाप्त होता है। इसके बाद भी शीतलहर जारी रहती है और 20 दिन लंबा 'चिल्लई खुर्द' तथा 10 दिन लंबा 'चिल्लई बच्चा' चलता है।