नई दिल्ली: देश के 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर आयोजित समारोह में जम्मू एवं कश्मीर की झांकी में ‘‘नया जम्मू एवं कश्मीर’’ के बनने और प्राचीन अमरनाथ गुफा मंदिर आकर्षण के मुख्य विषय थे। सजी-धजी इस झांकी में पिछले कुछ वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश में किए गए पर्यटन के पुनरुत्थान को भी प्रदर्शित किया गया। झांकी के पीछे की तरफ गुलमर्ग के एक रिसॉर्ट में एक आदमी को स्कीइंग करते हुए दिखाया गया जबकि किनारों की तरफ पर ट्यूलिप के पौधे दिखाए गए। दोनों ही घाटी के मुख्य आकर्षण हैं।
अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद उभरी अनिश्चितताओं और कोविड महामारी के 2 सालों के प्रकोप ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटन की कमर तोड़ दी थी लेकिन कोविड-19 टीकाकरण के साथ-साथ इस क्षेत्र में सुधार के बीच यह पूर्ववर्ती प्रदेश फिर से खुली बाहों के साथ पर्यटकों का स्वागत कर रहा है। अधिकारियों द्वारा शेयर की गई जानकारी के अनुसार, झांकी का मुख्य विषय ‘‘नया जम्मू और कश्मीर’’ है और इसमें पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन में आई तेजी के बीच जम्मू एवं कश्मीर में तीर्थ और मनोरंजक स्थलों को भी दर्शाया गया। झांकी के शीर्ष भाग पर अमरनाथ गुफा मंदिर को दिखाया गया है।
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‘‘नया जम्मू एवं कश्मीर’’ या ‘‘नया कश्मीर’’ एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल अक्सर आर्टिकल 370 को निरस्त करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के बाद वहां के परिदृश्य का वर्णन करने के लिए किया जाता रहा है। झांकी के आगे वाले हिस्से में तेंदुए, कश्मीरी मृग और जंगलों में पाए जाने वाले कलिज तीतर की आकृतियां दिखाई गई। झांकी के पिछले हिस्से में ट्यूलिप गार्डन और लैवेंडर फार्म जबकि मध्य भाग में मिट्टी के घरों को दिखाया गया है। जम्मू-कश्मीर के पारंपरिक परिधान पहने कलाकारों का एक समूह भी इस झांकी के साथ नृत्य कर रहा था।