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Jammu Kashmir News: पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत नामंजूर होने पर भड़कीं महबूबा मुफ्ती, कहा- समय आ गया है जब...

Jammu Kashmir News: इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि यह बात किसी से छुपी नहीं है कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को कुचलना चाहती है।

Edited By: Malaika Imam
Published on: August 04, 2022 21:02 IST
Mehbooba Mufti - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Mehbooba Mufti

Highlights

  • गिरफ्तार कप्पन की जमानत याचिका खारिज
  • एक बार फिर जमानत याचिका खारिज: महबूबा
  • न्यायपालिका अपनी बातों पर अमल करे: मुफ्ती

Jammu Kashmir News: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज गुरुवार को कहा कि न्यायपालिका को अपनी बातों पर अमल करना चाहिए। पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका फिर खारिज होने के बाद मुफ्ती ने यह टिप्पणी की। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाथरस साजिश मामले में गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार कप्पन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 

मलयालम समाचार पोर्टल 'अजीमुखम’' के संवाददाता और केरल श्रमजीवी पत्रकार संघ की दिल्ली इकाई के सचिव कप्पन को उत्तर प्रदेश में तीन अन्य लोगों के साथ अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी तब हुई जब ये लोग 19 वर्षीय एक दलित लड़की से हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले की रिपोर्टिंग के लिए हाथरस जा रहे थे। 

'...तो फिर इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा?' 

मुफ्ती ने ट्वीट किया, "प्रधान न्यायाधीश कहते हैं नियम जमानत का है जेल नहीं, तो फिर इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा? हाथरस सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्टिंग के लिए 22 महीनों से सलाखों के पीछे चल रहे कप्पन की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी गई है। समय आ गया है जब न्यायपालिका अपनी बातों पर अमल करे।"

'लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को कुचलना चाहती है सरकार'

इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि यह बात किसी से छुपी नहीं है कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को कुचलना चाहती है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा, "लोकतंत्र में पत्रकारों की भूमिका पर भारत के प्रधान न्यायाधीश की टिप्पणी के फौरन बाद आकाश हसन को विदेश जाने से रोक दिया गया।" 

उन्होंने कहा, "यह कोई राज नहीं है कि भारत सरकार हमारे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचलना चाहती है, क्योंकि उसे सच बर्दाश्त नहीं है।" अधिकारियों ने कश्मीरी पत्रकार आकाश हसन को श्रीलंका जाने की इजाजत नहीं दी, जहां वह मौजूदा संकट को कवर करने के लिए जाना चाहते थे। मुफ्ती इस घटना पर प्रतिक्रिया दे रही थीं। इससे पहले सरकार ने पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित सना मट्टू को भी पेरिस जाने से रोक दिया था। 

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