Sunday, December 22, 2024
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Jammu Kashmir News: 'हमारी जिंदगी दांव पर है', कश्मीरी पंडितों ने फिर शुरू किया प्रदर्शन, घाटी से बाहर ट्रांसफर किए जाने की उठाई मांग

Jammu Kashmir News: प्रदर्शनकारी श्वेता भट्ट ने कहा कि हमारा प्रदर्शन घाटी से हमारे स्थानांतरण के लिए चल रहे आंदोलन का हिस्सा है, क्योंकि हम वहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

Edited by: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated : June 13, 2022 18:39 IST
Kashmiri Pandits Protest
Image Source : PTI Kashmiri Pandits Protest

Highlights

  • कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का प्रदर्शन
  • अवसादग्रस्त महसूस कर रहे: प्रदर्शनकारी
  • 'कर्मचारी सरकारी लॉलीपॉप में नहीं फंसेंगे'

Jammu Kashmir News: कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने जम्मू में आज सोमवार को फिर प्रदर्शन किया और शांति बहाल होने तक घाटी से बाहर स्थानांतरित किए जाने की मांग दोहराई। ऑल माइग्रेंट एम्प्लॉई एसोसिएशन कश्मीर के बैनर तले सैकड़ों महिला एवं पुरुष कर्मचारी यहां प्रेस क्लब के बाहर जमा हुए। 

उन्होंने तख्तियां पकड़ी हुई थीं जिन पर लिखा था, "हमारे खून की कीमत पर हमारा पुनर्वास नहीं करें। हमारे बच्चे अनाथ हो रहे हैं। हमारी पत्नियां विधवा हो रही हैं। सिर्फ एक ही समाधन, घाटी के बाहर कहीं भी स्थानांतरण।" साल 2008 में घोषित प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत चयनित किए जाने के बाद से लगभग चार हजार कश्मीरी पंडित घाटी में विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं। पैकेज में दो प्रमुख घटक हैं- पहला, युवाओं के लिए छह हजार नौकरियों के प्रावधान से संबंधित है और दूसरा कर्मचारियों के लिए छह हजार आवास इकाइयों से संबंधित है। 

वहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं- प्रदर्शनकारी 

प्रदर्शनकारी श्वेता भट्ट ने कहा, "हमारा प्रदर्शन घाटी से हमारे स्थानांतरण के लिए चल रहे आंदोलन का हिस्सा है, क्योंकि हम वहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। हम जम्मू पहुंच गए हैं, जबकि हमारे सहयोगी पिछले 31 दिनों से घाटी में प्रदर्शन कर रहे हैं।" भट्ट ने कहा, "हम क्षेत्र में काम कर रहे हैं और अवसादग्रस्त महसूस कर रहे हैं और डर की वजह से अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं।" 

उन्होंने घाटी के भीतर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के सरकारी आश्वासन को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी कर्मचारी सरकारी लॉलीपॉप में नहीं फंसेंगे, क्योंकि हमारी जिंदगी दांव पर है। उन्होंने कहा, "सरकार स्थिति सामान्य होने तक हमें घाटी के बाहर कहीं भी स्थानांतरित कर दे।" एक अन्य प्रदर्शनकारी अजय कुमार ने कहा, "हम कर्मचारी सेवा देने के लिए तैयार हैं, लेकिन स्थिति हमारे अनुकूल नहीं है। हम तब लौटेंगे जब सरकार यह घोषणा करेगी कि कश्मीर आतंकवाद-मुक्त हो गया है।

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