Highlights
- केंद्र शासित प्रदेश ने हड़ताल और पथराव को पीछे छोड़ दिया है: मनोज सिन्हा
- "जम्मू कश्मीर को नशा-मुक्त, भ्रष्टाचार-मुक्त और रोज़गार-युक्त बनाने का संकल्प लें"
- "कई बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद हमने 50,726 परियोजनाओं को पूरा किया"
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश ने हड़ताल और पथराव को पीछे छोड़ दिया है तथा विकास एवं शांति के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। सिन्हा ने यहां शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में 76वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमने आतंकवाद पर अंतिम और निर्णायक प्रहार शुरू कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के 1.30 करोड़ लोगों को इन प्रयासों के समर्थन में आवाज बुलंद करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि कश्मीर में अब हड़ताल का आह्वान नहीं किया जाता और ‘‘पथराव’’ का युग इतिहास के पन्नों में चला गया है। उन्होंने कहा, ‘‘बाजार अब बंद नहीं होते या स्कूल लंबे समय तक बंद नहीं रहते।’’
एक नए युग में प्रवेश कर चुका है जम्मू-कश्मीर
सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विकास, सुशासन और पारदर्शिता के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर आगे बढ़ रहा है। मैं समाज के हर वर्ग से एक खुशहाल, शांतिपूर्ण और समृद्ध केंद्र शासित प्रदेश में अपना बहुमूल्य योगदान देने का आह्वान करता हूं। इस स्वतंत्रता दिवस पर, आइए हम जम्मू कश्मीर को नशा-मुक्त, भ्रष्टाचार-मुक्त और रोज़गार-युक्त बनाने का संकल्प लें।’’ सिन्हा ने अपने 33 मिनट के भाषण में, जम्मू-कश्मीर में विकास को जमीनी स्तर तक ले जाने और बिजली आपूर्ति, पेयजल और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डाला।
राज्य में 'गौरव स्तंभ' को किया जाएगा स्थापित
सिन्हा ने कहा, ‘‘तीन साल पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जम्मू कश्मीर में आधुनिक और समान सामाजिक-आर्थिक विकास की नींव रखी थी। उनके मार्गदर्शन में, जम्मू-कश्मीर समग्र विकास के लिए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रहा है।’’ सिन्हा ने कहा, ‘‘कई बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद, हम पिछले वित्तीय वर्ष में 50,726 परियोजनाओं को पूरा करने में सफल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आइए, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आत्मनिर्भर जम्मू-कश्मीर का निर्माण करें और अपने पूर्वजों के सपनों को साकार करें।’’ उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में एक 'गौरव स्तंभ' स्थापित करने की भी घोषणा की।
शहीदों के बच्चों को 12वीं कक्षा तक सरकार पढ़ाएगी
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘हमने तय किया है कि हमारी प्यारी मातृभूमि की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों की याद में श्रीनगर में एक गौरव स्तंभ की स्थापना की जाएगी। मुझे पूरा विश्वास है कि गौरव स्तंभ की अमर लौ और हमारे बहादुरों पर आधारित संग्रहालय नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का केंद्र होगा।’’ सिन्हा ने कहा कि उन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस के उन बहादुरों पर गर्व है, जिन्होंने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 125 वीरता पदक प्राप्त किए। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जम्मू-कश्मीर के सैन्यकर्मियों के परिवारों के लिए मुआवजे की राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी है। प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीदों के बच्चों के लिए 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई का खर्च वहन करने का फैसला किया है।’’