श्रीनगर: अगर आपसे पूछा जाये कि जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर की सबसे फेमस जगह क्या है? शायद आपका जवाब होगा कि लालचौक। लालचौक पर भी वहां चौराहे पर बना घंटाघर। वही घंटाघर जहां साल 1992 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगा फहराया था और भारत जोड़ो यात्रा के अंतिम दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तिरंगा झंडा फहराया था। अब खबर आ रही है कि उस घंटाघर को तोड़ा जा रहा है।
स्मार्ट सीटी प्रोजेक्ट के तहत कराया जा रहा काम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घंटाघर को तोड़ा जा रहा है, लेकिन इसे पूरी तरह नहीं तोड़ा जाएगा। इसकी छत में कुछ दरार आ गई थी, जिसके बाद इसकी मरम्मत का काम किया गया। इस दौरान छत को ठीक करने पर इसकी ऊंचाई में कुछ इजाफा होगा। थोड़ा सा पारंपरिक काम भी इसमें किया जाएगा। श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ और श्रीनगर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के कमिश्नर अथर आमिर खान ने बताया कि से तोड़ने की जो अफवाहें हैं वह बेबुनियाद और गलत हैं।
साल 1979 में करवाया गया था इसका निर्माण
बता दें कि लालचौक के चौराहे पर स्थित इस घंटाघर का निर्माण साल 1979 में किया गया था। इसका निर्माण बजाज इलेक्ट्रिकल ने करवाया था। उस समय शेख अब्दुल्ला यहां के मुख्यमंत्री थे। शुरूआत में इस घंटाघर पर बजाज कंपनी का लोगो भी लगा हुआ था लेकिन कुछ समय बाद सरकार ने इसे अपने कब्जे में ले लिया और इससे बजाज के लोगो को हटा दिया।
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