Highlights
- किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं
- दोपहर 12.12 बजे आए भूकंप का केंद्र डोडा क्षेत्र में
Jammu kashmir Earthquake: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार को 3.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर केंद्र शासित प्रदेश के डोडा जिले में भूकंप के कम तीव्रता के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पांच किलोमीटर की गहराई पर था। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
हमारे देश के अलावा पड़ोसी देश म्यांमार में भी कल रविवार को भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.0 से दर्ज की गई थी। भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक ये भूकंप यांगून के 260 किमी दक्षिण पश्चिम में आया था। उधर, चीन के शिनजियांग में भी रविवार को 5.2 तीव्रता का भूकंप आया है। चीन अर्थक्वेक नेटवर्क सेंटर (CENC) के मुताबिक चीन के शिनजियांग उइगर स्वायत्तशासी इलाके में ये भूकंप बीजिंग के स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे के करीब आया। इस भूकंप की गहराई करीब 10 किलोमीटर थी। शिनजियांग में शनिवार को भी एक हल्की तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था।
वहीं ईरान में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 थी। भूकंप की वजह से 3 लोगों की मौत और 8 लोग घायल हो गए थे। मिली जानकारी के मुताबिक, ये भूकंप ईरान में देर रात करीब 1.30 बजे के आस-पास आया है, जिसकी गहराई 10 किमी (6.21 मील) थी।
अफगानिस्तान में भी हाल ही में आया था भूकंप
अफगानिस्तान में भी हाल ही में भूकंप के झटके महसूस किए थे। इस भूकंप की वजह से एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। ये भूकंप इतना तेज था कि इसे भारत और पाकिस्तान में भी महसूस किया गया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 थी। इसका केंद्र अफगानिस्तान के दक्षिणपूर्व में था। ये भूकंप पक्तिका और खोस्त में आया था। इस भूकंप की वजह से सैकड़ों बच्चों की भी मौत हो गई थी और हजारों की संख्या में बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया। ऐसे में कई संगठन उन बच्चों की मदद के लिए सामने आए, जो अनाथ हो गए थे।
भूकंप क्यों आता है ?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये प्लेट्स किसी प्वाइंट्स पर टकराती हैं, तो प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और वहां प्रेशर बनने लगता है। ऐसे में जब प्लेट्स टूटने की नौबत आ जाती है तो एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजने लगती है। जिसके बाद भूकंप आता है।