Amarnath Yatra: हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा को बेहद ही पवित्र माना जाता है। इस समय यात्रा चल रही है और हर रोज हजारों भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन और पूजन कर रहे हैं। यह यात्रा बेहद ही दुर्गम मार्गों और कठिनाईओं भरी होती है। कई श्रद्धालुओं की इस दौरान तबियत भी बिगड़ जाती है। वहीं कई श्रद्धालुओं की तो जान भी चली जाती है। इस साल यह यात्रा 1 जुलाई से शुरू हुई थी और प्रशासन ने इस यात्रा को सुगम व आसान बनाने के लिए तमाम प्रयास किए हैं। अब तक 2 लाख 30 हजार से अधिक तीर्थयात्री मंदिर के दर्शन कर चुके हैं।
अब तक हो चुकी है 30 लोगों की मौत
यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो, इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। लेकिन वहां से आ रही मौत की खबरें सबकी चिंता बढ़ा रही हैं। जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह तक 3 लोगों की मौत हो गई थी, जिससे मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 30 पहुंच गया है। अधिकारियों ने बताया कि मृतक तीर्थयात्री उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के निवासी थे। इनकी मौत रविवार सुबह के बाद हुई। अधिकारियों ने बताया कि दो तीर्थयात्रियों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, जबकि तीसरे की मृत्यु का कारण का पता लगाया जा रहा है।
ऊंचाई पर कम ऑक्सीजन मौत की सबसे बड़ी वजह
उन्होंने बताया कि यात्रा के पहलगाम मार्ग पर दो लोगों की मौत हो गई, जबकि बालटाल मार्ग पर एक व्यक्ति की मृत्यु हुई। इन तीन लोगों की मौत के बाद इस साल अब तक यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक, मरने वालों में यात्रा ड्यूटी पर तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का अधिकारी, एक साधु और एक सेवादार शामिल है। ऊंचाई पर कम ऑक्सीजन कम होने की वजह से हृदय गति रुकना अमरनाथ तीर्थयात्रियों और वहां तैनात सुरक्षा बलों की मृत्यु के सबसे आम कारणों में से एक है।