श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। धारा 370 हटने के बाद पीएम मोदी का यह पहला दौरा था। इस दौरान पीएम मोदी ने श्रीनगर में करोड़ों की परियोजनाओं की सौगात भी दी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर के एक महत्वपूर्ण स्थल शंकराचार्य पहाड़ियों की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर साझा कीं।
एक्स पर तस्वीरें साझा करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, "श्रीनगर पहुंचने पर भव्य शंकराचार्य हिल को दूर से देखने का अवसर मिला।" इसके साथ ही पीएम ने पहाड़ी को नमन भी किया। आइए जानते हैं कि यह पहाड़ी इतनी ख़ास क्यों हैं और इसका इतिहास क्या है?
भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर 1000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
शंकराचार्य पहाड़ी की चोटी पर भूरे पत्थरों से निर्मित प्राचीन शंकराचार्य मंदिर है। जो घने जंगलों से घिरा हुआ है। इसे मूल रूप से तख्त-ए-सुलेमान कहा जाता था। जिसका अर्थ है सुलैमान का सिंहासन। बाद में इसका नाम एक संत के नाम पर रखा गया, जिन्होंने 750 ईस्वी में वहां ज्ञानोदय का प्रचार किया था। भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर 1000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
आदि शंकराचार्य ने यहां ज्ञान प्राप्त किया था
मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां आदि शंकराचार्य ने ज्ञान प्राप्त किया था। मंदिर की यात्रा अपने आप में एक साहसिक और यादगार अनुभव है। 19वीं सदी से इस मंदिर का प्रबंधन जम्मू कश्मीर का धर्मार्थ ट्रस्ट अन्य लोगों के साथ मिलकर कर रहा है। खास बात ये है कि 8वीं शताब्दी के दौरान महान भारतीय दार्शनिक व चिंतक आदि शंकराचार्य ने तपस्या की थी।