Highlights
- जम्मू कश्मीर पुलिस पदकों पर से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र
- पदकों पर अशोक स्तंभ के चिह्न लगाने का गृह विभाग से आदेश जारी
- अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री थे
Jammu and Kashmir Police: जम्मू कश्मीर सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि वीरता और सेवा के लिए दिए जाने वाले जम्मू कश्मीर पुलिस पदकों पर लगे शेख अब्दुल्ला के चित्र को हटाकर अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न लगाया जाएगा। अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री थे। पदकों पर अशोक स्तंभ के चिह्न लगाने के लिए गृह विभाग से आदेश जारी किये गए। इससे पहले सरकार ने 'शेर ए कश्मीर पुलिस पदक' का नाम बदलकर जम्मू कश्मीर पुलिस पदक कर दिया था।
शेख अब्दुल्ला को 'शेर ए कश्मीर' कहा जाता था
शेख अब्दुल्ला को 'शेर ए कश्मीर' कहा जाता था। उनके समर्थक उन्हें इसी नाम से बुलाते थे। शेर-ए-कश्मीर के नाम पर राज्य भर में कई अस्पताल, स्टेडियम, सड़कें और कई अन्य इमारते हैं।
कौन हैं शेख अब्दुल्ला?
शेख अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के दादा और फारूक अब्दुल्ला के पिता थे। वे राज्य के पहले सीएम भी थे। जब फारूख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अपने पिता की याद में पुलिस को दिए जाने वाले पदकों पर उनकी तस्वीर लगा दी थी।
आत्मकथा 'आतिशे-चिनार' के लिए मिला सम्मान
जम्मू कश्मीर की सियासत में अब्दुल्ला परिवार फर्स्ट फैमिली की हैसियत रखता है। शेख अब्दुल्ला का जन्म 5 दिसंबर 1905 को हुआ था और उनका निधन 8 सितंबर 1982 को हुआ था। शेख अब्दुल्ला को मरणोपरान्त 1988 में उनकी लिखी आत्मकथा 'आतिशे-चिनार' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।