जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) और उनके भाई के शव रविवार को उनके घर लाये गए। दोनों की शनिवार को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। चाडबाग इलाके में स्थित दोनों भाइयों के आवास पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए, जिन्होंने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी।
इस दौरान मौजूद महिलाओं ने दोनों भाइयों की मां को सांत्वना देने की कोशिश की। हालांकि मां ने बिलखते हुए सवाल किया, ‘मेरी क्या गलती थी? मेरी क्या गलती थी? उन्हें मेरे दिल में गोली मार देनी चाहिए थी। अब मैं अपने बेटों को कहां ढूंढूंगी?’
आतंकवादियों ने शनिवार को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) इशफाक अहमद की उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोलीबारी की घटना में अहमद के भाई उमर जान को भी गोली लगी थी और उन्हें बेमिना के एसकेआईएमएस अस्पताल ले जाया गया, जहां रविवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।
दोनों भाइयों के शव चाडबाग स्थित उनके आवास लाये गए। इस दौरान परिवार के साथ ही वहां मौजूद लोग अपने आंसुओं को रोक नहीं सके। जब दोनों भाइयों को दफनाने के लिए ले जाया गया तो महिलाओं ने उनके ताबूतों पर फूल और टॉफियां बरसाईं। दोनों को उनके पुश्तैनी कब्रिस्तान में दफनाया गया।
पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार सहित शीर्ष पुलिस अधिकारी उनके आवास पहुंचे और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। कश्मीर जोन पुलिस के एक ट्वीट के मुताबिक कुमार ने कहा कि पूरा पुलिस परिवार शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ा है। इससे पहले, दिवंगत एसपीओ को श्रद्धांजलि देने के लिए बडगाम स्थित जिला पुलिस लाइन में एक समारोह आयोजित किया गया, जहां उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि कश्मीर घाटी में मौत और तबाही आम बात हो गई है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘कश्मीर में युवाओं का जीवन छीन लिया जाता है और हम असहाय रूप से देखते हैं। मौत और विनाश आम बात हो गई है। दुख की बात है कि भारत सरकार को परवाह नहीं है क्योंकि उनके लिए कश्मीरी जीवन अधिक मायने नहीं रखता। परिवार के प्रति गहरी संवेदना।’
हत्याओं की निंदा करते हुए, माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने इसे जघन्य और बर्बर करार दिया, और मांग की कि अपराधियों की पहचान की जाए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाए। उन्होंने कहा, ‘इससे पूरा क्षेत्र सदमे में है और हर कोई दुखी है।’