Highlights
- बर्खास्त कर्मचारियों में कश्मीर यूनिवर्सिटी का एक प्रोफेसर, एक शिक्षक और एक पुलिसकर्मी शामिल है।
- पिछले साल से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर में बर्खास्त किये गये सरकारी कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है।
- अधिकारियों ने कहा कि पंडित JeL का लगातार सक्रिय सदस्य रहा और वह संगठन में आतंकियों की भर्ती का काम करता था।
Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को आतंकी संगठनों से कथित संबंध के मामले में 3 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। इनमें कश्मीर यूनिवर्सिटी का एक प्रोफेसर, एक शिक्षक और एक पुलिसकर्मी शामिल है। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि संविधान के अनुच्छेद 311 (12)(सी) के तहत गठित समिति की सिफारिश पर तीनों को बर्खास्त किया गया। अनुच्छेद 311 (12)(सी) राज्य की सुरक्षा के हित में बिना जांच किये ही किसी व्यक्ति को बर्खास्त करने की इजाजत देता है।
अब तक कुल 37 कर्मचारी हुए हैं बर्खास्त
पिछले साल से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर में इस विशेष प्रावधान का इस्तेमाल करके बर्खास्त किये गये सरकारी कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है। बर्खास्त किये गये लोगों में कश्मीर यूनिवर्सिटी के रसायन विज्ञान विभाग का प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन पंडित, सरकारी शिक्षक मोहम्मद मकबूल हाजम और जम्मू-कश्मीर पुलिस का पुलिसकर्मी गुलाम रसूल शामिल है। हुसैन पंडित सक्रिय रूप से प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लाम (JeL) से जुड़ा रहा है। वह आतंकवाद की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भी जा चुका है।
JKLF का सक्रिय आतंकवादी भी रहा था अल्ताफ
अल्ताफ हुसैन पंडित 1993 में सिक्यॉरिटी फोर्सेज द्वारा गिरफ्तार किये जाने से पहले 3 साल तक 'जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट' का सक्रिय आतंकवादी रहा है। अधिकारियों ने कहा कि पंडित जेल का लगातार सक्रिय सदस्य रहा और वह संगठन में आतंकियों की भर्ती का काम करता था। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2011 से 2014 के दौरान आतंकवादियों के मारे जाने पर पंडित पथराव कराने और हिंसक विरोध प्रदर्शन आयोजित कराने में शामिल रहा है, लेकिन वर्ष 2015 में पंडित कश्मीर यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ का एक कार्यकारी सदस्य बन गया। अधिकारियों ने बताया कि उसने इस पद का इस्तेमाल स्टूडेंट्स में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए किया।
हाजम और रसूल भी करते थे आतंकियों की मदद
इसी तरह सरकारी स्कूल का टीचर हाजम भी लोगों को आतंकवाद के लिए उकसाता था। अफसरों ने बताया कि हाजम उस भीड़ का हिस्सा था, जिसने सोगम में एक पुलिस थाने और अन्य सरकारी इमारतों पर हमला कर दिया था। इसके अलावा वह टीचर होने के बावजूद हमेशा आतंकी गतिविधियों में शामिल रहता था। पुलिसकर्मी रसूल आतंकवादियों के अंडरग्राउंड सपोर्टर के रूप में काम कर रहा था। वह आतंकियों और उनके सपोर्टर्स को एंटी-टेररिज्म कैंपेन के बारे में सूचना देने का भी काम करता था। रसूल हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मुश्ताक अहमद उर्फ औरंगजेब के भी संपर्क में था, जो अब पाकिस्तान जा चुका है।