जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को फिर से बसाने के लिए सरकार ने आज अहम कदम उठाया है। सरकार ने राज्य के बारामूला, गांदरबल और शोपियां जिले में कश्मीरी पंडितों के लिए ट्रांजिट कैंप बनाकर तैयार किए है। जिसे कश्मीरी पंडितों को देने की कवायद भी शुरू हो गई है। बता दें कि प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले विस्तापित कश्मीरी पंडित कर्मियों के लिए 40.22 करोड़ रुपयों की लागत से बारामूला में 336 फ्लैट तैयार किए गए हैं। जिसमें से आज 192 फ्लैट कश्मीरी पंडित कर्मियों के नाम किए गए हैं। कश्मीरी पंडित कर्मियों ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा की ये कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के लिए खुशी और राहत की बात है। वहीं, इस मौके पर कश्मीरी मुसलमानों ने भी कहा कि कश्मीरी पंडित कश्मीर का एक हिस्सा है, वे पंडितों का दिल खोलकर स्वागत करेंगे।
किए गए 576 फ्लैट कश्मीरी पंडितों के नाम
जम्मू कश्मीर के उपराज्य पाल मनोज सिन्हा ने आज कश्मीर के 10 जिलों में बनाए जा रहे ट्रांजिट कैंप में से 3 जिले- शोपियां, गांदरबल और बारामूला के ट्रांजिट कैंप का उट्घाटन कर 576 फ्लैट कश्मीरी पंडितों के नाम किए हैं। इस मौके पर काफी संख्या में कश्मीरी पंडित जो कश्मीर में पिछले कई वर्षों से पीएम पैकेज के तहत अलग-अलग जिलों में काम कर रहे है, मौजूद रहे। बता दें कि टारगेट किलिंग के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सरकार से एकोमोडेशन और सुरक्षा सबसे बड़ी मांग थी जिसे आज पूरा किया गया है।
2024 तक दिए जाएंगे इतने फ्लैट्स
मनोज सिन्हा ने इस मौके पर कश्मीरी पंडितों को सम्बोधित करते हुए कहा की इस साल दिसंबर तक 2000 फ्लैट्स कश्मीरी पंडितों को सौंपे जाएंगे और 2024 तक ये प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सिन्हा ने आगे कहा 1990 के दशक में यहाँ से पलायन कर चुके कश्मीरी पंडितों का घर वापसी के लिए भी प्रयास चल रहे हैं। सरकार चाहती है की लोग खुशहाली के साथ जिंदगी बसर करें। उपराज्यपाल ने लोगों को कहा की मैं ये भरोसा देता हूँ कि प्रधानमंत्री का विकसित भारत बनाने का जो सपना है उसमें जम्मू कश्मीर किसी राज्य से पीछे नहीं रहेगा।
हर कर्मी को मिलेगा 2BHK
बारामूला में जो ट्रांजिट कैंप बनाए गए हैं उनमें से 16 ब्लॉक पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। ये फ्लैट पूरी तरह से मॉडर्न तर्ज़ पर बनाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, हर एक कर्मचारी को 2BHK का फ्लैट अलॉट किया जाएगा। ट्रांजिट कैंप का उट्घाटन होने पर कश्मीरी पंडितों ने इसका स्वागत किया है। कश्मीरी पंडितों ने कहा ये एक बड़ी राहत और खुशी की बात है कि सरकार ने इस तरह के ट्रांजिट कैंप बनाए हैं जहां सभी कर्मचारी सुरक्षित रह पाएंगे। वहीं सरकार की ये पहल अच्छी है, इससे जो कर्मी टारगेट किलिंग की वजह से खौफ में थे, उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। इतना ही नहीं यहां से 1990 में पलायन कर चुके कश्मीरी पंडित जो अपने घरों को वापस लौटना चाहते है उनका भी हौसला बढ़ेगा।
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