Highlights
- कांग्रेस की पीएम मोदी से अपील
- '15 अगस्त को पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से करें बड़ा ऐलान'
- 'जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य देने और चुनाव कराने की करें घोषणा'
Jammu and Kashmir: कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह 15 अगस्त को लाल किले से दिए जाने वाले संबोधन में केंद्र-शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और वहां चुनाव कराने का ऐलान करें। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता जीए मीर ने कहा कि पार्टी आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश के हर जिले में 75 किलोमीटर लंबी 'पदयात्रा' निकालेगी। उन्होंने बताया कि 'तिरंगा यात्रा' नौ से 14 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भी निकाली जाएगी। मीर ने कहा कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की घोषणा करने के अलावा वहां जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने का अनुरोध किया है।
5 अगस्त 2019 को देश के गृह मंत्री अमित शाह ने ऐतिहासिक फैसले का ऐलान किया था। वह फैसला था जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने का। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेश में बंट गया।
परिसीमन रिपोर्ट जारी किया गया
बता दें, इस साल मई के महीने में परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन पर अंतिम रिपोर्ट जारी किया था। रिपोर्ट के जारी होने के साथ ही यहां विधानसभा चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है। आयोग की रिपोर्ट में जम्मू संभाग में 6 सीटें व कश्मीर संभाग में 1 विधानसभा सीट को बढ़ाया गया है। जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट में पहली बार 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई हैं, जबकि अनुसूचित जाति के लिए पहले की तरह ही 7 विधानसभा सीटें हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब सभी पांच संसदीय सीटों में बराबर विधानसभाएं बांटी गई हैं। परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने से यहां पर सात विधानसभा सीटों में बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट में जम्मू संभाग में 6 व कश्मीर संभाग में 1 विधानसभा सीट को बढ़ाया गया है।
90 विधानसभा सीटों में से 43 जम्मू और 47 कश्मीर क्षेत्र में रखी गई हैं। वहीं विस्थापित कश्मीरियों और माइग्रेंट के लिए अतिरिक्त सीटों की सिफारिश की गई है। जिसका मतलब है कि घाटी की नई विधानसभा में कश्मीरी पंडितों और पीओजेके (पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू कश्मीर) विस्थापितों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है।