Highlights
- रांची में उपद्रवियों की गोली लगने से मौत पर दुख जताया, मुआवजा मांगा
- पुलिस की असफलता ने आग में घी का काम किया: जमीयत
- 'असामाजिक तत्वों से सावधान रहें'
Jamiat Ulema-e-Hind: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के मामले में भड़की हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहीं पुलिस पर पथराव किया, कहीं आगजनी व वाहनों में तोड़फोड़ की। इस मामले में पुलिस ने सख्त रवैया अपनाते हुए उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। ऐसे गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को अब मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद को कानूनी सहायता देगा। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपने बयान साफ कर दिया है कि पैगंबर का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसक विरुद्ध प्रदर्शन करना और न्याय पाना हमारा संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है। सरकार द्वारा की जा रही अंधाधुंध गिरफ्तारी, पुलिस फायरिंग और बुलडोजर का इस्तेमाल किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए अनुचित है।
इसके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद का के प्रतिनिधि तमाम जगहों का दौरा करेगा। संगठन का मानना है कि उपद्रवियों को न्याय मिले, इसके प्रयास किए जाएंगे। न्यूज एजेंसी आईएएनएस की खबर के अनुसार जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासिमी ने कहा, 'जो प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हो रहे हैं, उनके लिए कानूनी मदद के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में जमीयत के कार्यकर्ता पुलिस प्रशासन, राजनीतिक स्तर पर संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं।
रांची में उपद्रवियों की गोली लगने से मौत पर दुख जताया, मुआवजा मांगा
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के रांची में हिंसक प्रदर्शन को रोकने के बीच की गई फायरिंग से हुई दो प्रदर्शनकारियों मुदस्सिर और साहिल की मौत पर इस मुस्लिम संगठन ने गहरा दुख व्यक्त किया। साथ ही झारखंड की सोरेन सरकार से मांग की कि इस मामले की जांच कराई जाए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो। इस संगठन ने रांची में गोली लगने से मृत दो लोगों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की।
पुलिस की असफलता ने आग में घी का काम किया: जमीयत
महासचिव ने आगे कहा कि के देशभर में हुए उपद्रव और प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिस की हिंसात्मक कार्रवाई और हालात काबू न कर पाने की असफलता ने आग में घी का काम किया है। सरकार विदेशी दुश्मनों से नहीं, बल्कि इसी देश के नागरिकों से लड़ रही है। हो सकता है कि प्रदर्शन के बीच असामाजिक तत्व शामिल हो गए हों और उपद्रव कर दिया हो, लेकिन इस कारण शांतिप्रिय लोग सजा क्यों भुगतें।
'असामाजिक तत्वों से सावधान रहें'
जमीयत ने मुस्लिम युवाओं से भी अपील की है कि वे असामाजिक तत्वों से सावधान रहें और शांतिपूर्ण रास्ता अख्तियार कर अपनी बात रखें।