Jamia Violence Case: जामिया हिसा मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शनिवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र शारजील इमाम और छात्र कार्यकर्ता आसिफ इकबाल तन्हा को जामिया हिंसा मामले में रिहा कर दिया है। दोनों आरोपियों को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध कर रहे लोगों के बीच झड़प के बाद भड़की हिंसा से संबंधित एक मामले में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने यह आदेश सुनाया।
जामिया में 2019 में CAA - NRC कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। शरजील इमाम पर IPC - unlawful assembly section - 143,147,148,186,353,332,333,308,427,435,323,341,120B और 34 IPC की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी।
अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेगा शरजील इमाम
हालांकि अभी शरजील इमाम जेल से बाहर नहीं आ सकता क्योंकि अभी शरजील इमाम पर दिल्ली दंगा 2020 की साजिश का केस चल रहा है, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने उसपर UAPA लगाया हुआ है और अभी इस मामले में जमानत नहीं मिली है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच की थी।
शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा दोनों को पहले मामले में जमानत दी गई थी। पुलिस ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पुलिस और लोगों के बीच झड़प के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें दंगा भी शामिल था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, इमाम ने कथित तौर पर 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भाषण दिया, जहां उसने असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों को शेष भारत से काट देने की धमकी दी।