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Jamia Masjid Srinagar: श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज नहीं पढ़ पाएंगे लोग, लगाई गई पाबंदी

जम्मू कश्मीर में इस्लामिक विद्वानों और MMU ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन से शुक्रवार की नमाज जामिया मस्जिद में अदा करने की अनुमति देने की अपील की थी।

Written By: Khushbu Rawal
Published on: July 08, 2022 19:38 IST
Jamia Masjid Srinagar- India TV Hindi
Image Source : PTI Jamia Masjid Srinagar

Highlights

  • ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ने पर पाबंदी
  • मस्जिद प्रबंधन ने कहा कि यह बेहद दुखद और “निंदनीय” है
  • कोविड-19 महामारी की वजह से भी लंबे समय तक बंदी रही है मस्जिद

Jamia Masjid Srinagar: श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ने पर पाबंदी लगा दी गई है। मस्जिद प्रबंधन की ओर से शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। इससे पहले कश्मीर के सबसे बड़े धार्मिक संगठन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलमा (MMU) ने जम्मू कश्मीर प्रशासन से मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ने की अनुमति देने का आग्रह किया था। अंजुमन औकफ जामिया मस्जिद ने आज सुबह बताया कि मजिस्ट्रेट और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मस्जिद आए थे और उन्होंने कहा कि मस्जिद में जुमे की नमाज की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मस्जिद प्रबंधन ने कहा कि यह बेहद दुखद और “निंदनीय” है कि कश्मीर के मुस्लिमों को एक बार फिर जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जा रही है। अगस्त 2019 के बाद से ज्यादातर समय तक जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी गई। कोविड-19 महामारी की वजह से भी लंबे समय तक मस्जिद बंद रही।

इस्लामिक विद्वानों और MMU ने की थी अनुमति देने की अपील

जम्मू कश्मीर में इस्लामिक विद्वानों और MMU ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन से शुक्रवार की नमाज जामिया मस्जिद में अदा करने की अनुमति देने की अपील की थी। एमएमयू की एक बैठक में सर्वसम्मति से पारित एक प्रस्ताव में उसके संरक्षक और कश्मीर के शीर्ष धार्मिक नेता मीरवाइज मोहम्मद उमर फारूक की पिछले तीन वर्षों से ‘‘गैरकानूनी हिरासत’’पर चिंता व्यक्त की गई थी और सरकार से उन्हें रिहा करने की अपील की गई थी।

पारित प्रस्ताव में कहा गया था, ‘‘मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा इस प्रस्ताव में शासकों और प्रशासन से दोबारा अपील करता है कि श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के संबंध में बाधाएं नहीं डाली जाएं ताकि मुसलमान बिना किसी रुकावट के यहां अल्लाह की इबादत कर सकें ,यह कश्मीर में प्रार्थना का सबसे बड़ा स्थान है।’’

अगस्त 2019 से अधिकतर वक्त बंद रही मस्जिद
गौरतलब है कि अगस्त 2019 से मस्जिद अधिकतर वक्त बंद ही रही है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण भी इसे बंद रखा गया था। एमएमयू ने फारूक की नजरबंदी पर कहा कि उन्हें ‘‘मनमाने और अवैध तरीके से हिरासत’’में लिए जाने के कारण उसके सभी काम ठप है। प्रस्ताव में सरकार से फारूक को ईद उल जुहा के मौके पर शीघ्र रिहा करने की मांग की गई ताकि वे सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन कर सकें। कश्मीर में वर्तमान सामाजिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए, एमएमयू ने कहा कि उसे लगता है कि समाज के सर्वांगीण सुधार की सख्त जरूरत है।

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