विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के ‘केन्द्र’ के रूप में देखती है। उन्होंने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि दो साल के कोविड-19 महामारी के दौर के बावजूद वैश्विक समुदाय यह नहीं भूला है कि आतंकवाद की इस बुराई की जड़ कहां है।
आतंकवाद कहां से शुरू?
‘यूएनएससी ब्रीफिंग: ग्लोबल काउंटर टेररिज्म अप्रोच: चैलेंज एंड वे फॉरवर्ड’ की अध्यक्षता करने के बाद जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने पाकिस्तान को घेरा। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘वे जो कुछ भी कह रहे हों, सच्चाई यह है कि सभी लोग, पूरी दुनिया आज पाकिस्तान को आतंकवाद के केन्द्र के रूप में देखती है।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि हम ढाई साल से कोविड से जूझ रहे हैं और इस कारण यादें थोड़ी धुंधली हो गई हैं। लेकिन मैं आपको आश्वासन देता हूं कि दुनिया यह नहीं भूली है कि आतंकवाद शुरू कहां से होता है और क्षेत्र में तथा क्षेत्र से बाहर तमाम गतिविधियों पर किसकी छाप नजर आती है।’’
पाकिस्तान की आरोपों पर पलटवार
उन्होंने आगे कहा कि ‘‘इसलिए, मैं कहूंगा कि किसी भी तरह की कल्पना में जीने से पहले उन्हें खुद को यह बात याद दिलानी चाहिए।’’ जयशंकर पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार के हालिया आरोप पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। खार ने आरोप लगाया था कि ‘‘आतंकवाद का इस्तेमाल भारत से बेहतर अन्य किसी देश ने नहीं किया है।’’ जिसका जवाब विदेश मंत्री ने बहुत ही सही तरीके से दिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिली
वहीं विदेशमंत्री जयशंकर ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि मासिक रूप से बदलने वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत को दिसंबर, 2022 के लिए मिली है। भारत के पास 31 दिसंबर तक यह अध्यक्षता रहेगी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्वाचित सदस्य के रूप में दो साल के कार्यकाल में अगस्त 2021 से दूसरी बार भारत को परिषद की मासिक अध्यक्षता मिली है। जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने 2028-29 के सुरक्षा परिषद के लिए अपनी उम्मीदवारी घोषित कर दी है।’’ परिषद में भारत का 2021-22 का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है। भारत सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार के लिए आवाज उठाने वाले देशों में अग्रणी रहा है।