Highlights
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना आज क्राइम ब्रांच के दफ्तर गए और मास्टरमाइंड अंसार से खुद पूछताछ की।
- अंसार ने ही बंगाल में नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर भी अटैक किया था: बीजेपी
नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुए दंगों के मास्टरमाइंड अंसार से शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने पूछताछ की। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना आज खुद क्राइम ब्रांच के दफ्तर गए, मास्टरमाइंड अंसार से खुद पूछताछ की और इंटरोगेशन रिपोर्ट तैयार करने को कहा। इस बीच अंसार की चौंकाने वाली क्राइम हिस्ट्री सामने आई है। बीजेपी के नेताओं ने कुछ ऐसे सबूत सौंपे हैं जिनसे पता चलता है कि अंसार ने ही बंगाल में बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर भी अटैक किया था।
अंसार को लेकर हो रहे हैं नए-नए खुलासे
जैसे-जैसे मामले की जांच हो रही है, अंसार को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अंसार के ऊपर न सिर्फ दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में दंगा कराने के आरोप हैं, बल्कि उसे हल्दिया में भी बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर हमला करते देखा गया है। कबाड़ी का काम करने वाले अंसार शेख के पास अकूत दौलत है, और उसके ऊपर पहले भी आपराधिक केस हो चुके हैं। बीजेपी के मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय का दावा है कि अंसार को ताकत टीएमसी से मिलती है।
तृणमूल से अंसार का है खास रिश्ता!
अमित मालवीय ने कहा कि जब नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराने के बाद जीत का सर्टिफिकेट लेने शुभेंदु अधिकारी हल्दिया जा रहे थे, तो उनके काफिले पर हुए हमले में अंसार भी शामिल था और उसे गिरफ्तार भी किया गया था। इस बारे में बोलते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘अंसार की बात नहीं करूंगा। अंसार तो टीएमसी का आदमी है। मेरे को पत्थर मारा था, यह सब आंतकवादी हैं। यहां आतंकवाद को प्रमोट कर रहा है। राज्य में टीएमसी की सरकार है और पूरे इंडिया में फसाद करते है। दिल्ली जाकर भी फसाद किया और हनुमान जयंती पर पत्थरबाजी कर रहे हैं।’
जहांगीरपुरी आया था तृणमूल का डेलिगेशन
बता दें कि शुक्रवार को टीएमसी का डेलिगेशन जहांगीरपुरी आया था। यह बंगाली मुसलमानों का मसला है जो कि टीएमसी का बड़ा वोट बैंक है। लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने जहांगीरपुरी दंगे के मास्टरमाइंड अंसार का कनेक्शन शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर हमले में शामिल होने का निकाला है, टीएमसी के लिए असहज स्थिति बन गई है। बीजेपी इस मसले पर हमलावर हो चुकी है। वहीं, आज जिस तरह से टीएमसी के सांसद धीरे से आए और चुपके से चले गए, उस पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।