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जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलेगा या फिर जारी रहेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कल एमसीडी के इस एक्शन पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। अब सारी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : April 21, 2022 11:15 IST
Jahangirpuri demolition, Delhi
Image Source : PTI Jahangirpuri demolition, Delhi

नयी दिल्ली : दिल्ली के जहांगीरपुरी में एमसीडी द्वारा अवैध निर्माण और अतिक्रमण को लेकर बुलडोजर चलाने के मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। शीर्ष अदालत की दो जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कल एमसीडी के इस एक्शन पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। अब सारी निगाहें सुप्रीम कोर्ट में होनेवाली सुनवाई पर टिकी हुई हैं। 

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जहांगीरपुरी में एमसीडी की इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं। पहली याचिका में बिना नोटिस दिए बुलडोजर चला कर स्थानीय नागरिकों को उनके मौलिक नागरिक अधिकार से वंचित करने की बात कही गई है। वहीं दूसरी याचिका में देश के कई राज्यों में किसी भी मामले में अचानक बुलडोजर चलाने की सरकार की प्रवृति पर रोक लगाने की मांग की गई है। 

दरअसल कल उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत जहांगीरपुरी में  बुलडोजर के जरिए एक मस्जिद के पास कई ढांचों को तोड़ दिया गया। तोड़फोड़ के खिलाफ जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दायर एक याचिका पर संज्ञान लेने के बाद उच्चतम न्यायालय को अभियान को रुकवाने के लिए दो बार हस्तक्षेप करना पड़ा। 

एनडीएमसी द्वारा अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान शुरू करने के साथ ही इस इलाके में दंगा रोधी टुकड़ियों सहित सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात थे। दो घंटे से भी कम समय में, कई दुकानों और अवैध ढांचों को गिरा दिया गया। कुछ दुकान के मालिकों ने यह भी कहा कि उनके प्रतिष्ठानों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और स्थानीय नगर निगम की मंजूरी मिली हुई थी। 

इस अभियान पर राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि ‘नफरत के बुलडोजर’ को रोका जाए और ऊर्जा संयंत्रों को शुरू किया जाए। एनडीएमसी की कार्रवाई रुकवाने के लिए अदालत का आदेश लेकर वहां पहुंचने वालीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता वृंदा करात ने नाराजगी जताई। 

बुलडोजर से कई दुकानों और सड़क के किनारे बनी गुमटियों को गिराए जाने से परेशान कुछ महिलाएं सड़क पर बैठी रो रही थीं। सड़कों पर कंक्रीट और ईंट का ढेर पड़ा हुआ था, लेकिन कोई हिंसक विरोध नहीं हुआ। दुकान मालिकों, जिनके प्रतिष्ठान ध्वस्त कर दिए गए थे, ने दावा किया कि एनडीएमसी ने उन्हें पूर्व सूचना दिए बिना अतिक्रमण अभियान शुरू किया। 

इनपुट-भाषा

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