Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. अंतरिक्ष के क्षेत्र में ISRO को मिली बड़ी कामयाबी, SSLV-D2 का प्रक्षेपण सफल

अंतरिक्ष के क्षेत्र में ISRO को मिली बड़ी कामयाबी, SSLV-D2 का प्रक्षेपण सफल

रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया है। पिछले साल 7 अगस्त को हुई इस लॉन्चिंग में गड़बड़ी हो गई थी।

Edited By: India TV News Desk
Updated on: February 10, 2023 11:18 IST
ISRO ने लॉन्च किया सबसे...- India TV Hindi
Image Source : एएनआई ISRO ने लॉन्च किया सबसे छोटा उपग्रह

ISRO ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में नया कदम रखते हुए अपना सबसे छोटा सैटेलाइट SSLV-D2 को लॉन्च कर दिया है। रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया है। यह प्रक्षेपण सफल रहा है।  पिछले साल 7 अगस्त को हुई इस लॉन्चिंग में गड़बड़ी हो गई थी। उस वक्त सैटेलाइट गलत ऑर्बिट में चला गया था।

आज के प्रक्षेपण में एक प्राइमरी सैटेलाइट और दो को-पैसेंजर सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट में भेजा गया।  रॉकेट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट EOS-07 के साथ अमेरिकी फर्म के सैटेलाइट Janus-1 और चेन्नई के स्टार्ट अप SpaceKidz के सैटेलाइट Azaadi SAT-2 को भी धरती की कक्षा में स्थापित किया गया है।

एसएसएलवी को इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि यह किफायती हो और उद्योग उत्पादन के लिए अनुकूल हो। यह छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए है। इस प्रक्षेपण के सफल रहने से अब इसरो को 10 से 500 किलोग्राम तक वजन के छोटे उपग्रहों के लिए मांग आधारित प्रक्षेपण सेवा शुरू करने का अवसर मिलेगा।

साढ़े छह घंटे की उलटी गिनती के बाद 34 मीटर लंबे रॉकेट को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। इसरो को छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन बाजार में सफलता हासिल करने के लिए इस प्रक्षेपण से काफी उम्मीदें हैं। इस प्रक्षेपण का उद्देश्य 500 किलोग्राम तक के उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना था जिसमें सफलता मिली है। यह कम लागत में अंतरिक्ष तक पहुंच प्रदान करता है। प्रक्रियागत कम समय और कई उपग्रहों को समायोजित करने का लचीलापन इसकी खासियत है और इसे प्रक्षेपण के लिए न्यूनतम अवसंरचना की आवश्यता होती है। 

ईओएस-07 156.3 किलोग्राम वजनी उपग्रह है, जिसे इसरो ने बनाया और विकसित किया है। जानुस 10.2 किलोग्राम वजनी और आजादीसैट-2 8. 7 किलोग्राम भार वाला उपग्रह है। आजादीसैट को ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ के मार्गदर्शन में भारत की करीब 750 छात्राओं के प्रयास से बनाया गया है। इस मिशन का उद्देश्य तीनों उपग्रहों को 450 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित करना है।

ये भी पढ़ें

तुर्की-सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 21 हजार के पार, WHO महासचिव टेड्रोस सीरिया रवाना

पीएम मोदी आज मुंबई को एक साथ दो वंदे भारत एक्सप्रेस की देंगे सौगात, तीर्थयात्रियों के लिए वरदान साबित होगी ट्रेनें

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement