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ISRO को मिली बड़ी सफलता, C20 क्रायोजेनिक इंजन का दिखेगा अब जलवा; टेस्ट में हुआ पास

C20 क्रायोजेनिक इंजन ने सफलतापूर्वक एक बड़ा टेस्ट पास कर लिया है। यह इसरो के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

Reported By : T Raghavan Edited By : Shailendra Tiwari Published : Dec 12, 2024 15:28 IST, Updated : Dec 12, 2024 15:46 IST
C20 cryogenic engine- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV C20 cryogenic engine

ISRO को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। बहुप्रतिक्षित रॉकेट इंजन C20 क्रायोजेनिक ने सफलतापूर्वक टेस्ट पास कर लिया है। अब जल्द ही इस इंजन से देश के भविष्य के मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान लिया जाएगा। इसरो ने 29 नवंबर 2024 को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में 100 के नोजल क्षेत्र रेशियो वाले अपने CE20 क्रायोजेनिक इंजन का समुद्र तल पर हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस टेस्ट के दौरान इंजन रिस्टार्ट करने की क्षमता के लिए जरूरी मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर का प्रदर्शन भी किया गया।

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समुद्र तल पर टेस्ट जोखिम भरा

समुद्र तल पर CE20 इंजन का टेस्ट करना काफी चुनौतियों भरा रहता है, मुख्य रूप से हाई प्रेशर रेशियो नोजल के कारण जिसमें लगभग 50 mbar का एग्जिट प्रेशर होता है। समुद्र तल पर टेस्ट के दौरान बड़ी चिंता नोजल के अंदर बह रही पृथक्करण है, जो प्रवाह पृथक्करण तल पर गंभीर कंपन और थर्मल प्रॉब्लम्स की ओर ले जाता है जिससे नोजल को संभावित मैकेनिकल नुकसान हो सकता है। इस समस्या को कम करने के लिए, CE20 इंजन के लिए फ्लाइट टेस्ट वर्तमान में हाई-एल्टिट्यूड टेस्ट (HAT) सुविधा में किए जा रहे हैं, जिससे एक्सेटेंस टेस्टिंग प्रक्रिया में कठिनाईयां बढ़ जाती है।

एचएटी में टेस्ट से जुड़ी जटिलता को कम करने के लिए, नोजल प्रोटेक्शन सिस्टम का उपयोग करते हुए समुद्र तल टेस्ट तैयार किया गया था, जिसने क्रायोजेनिक इंजनों की एक्सेपटेंस टेस्ट के लिए एक लागत प्रभावी और कम जटिल प्रक्रिया का मार्ग पास किया है।

इंजन रिस्टार्ट करना कठिन काम

क्रायोजेनिक इंजन को फिर से शुरू करना एक जटिल प्रक्रिया है। बड़ी चुनौतियाँ नोजल बंद किए बिना वैक्यूम इग्निशन और मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर का उपयोग हैं। इसरो ने पहले के ग्राउंड टेस्ट में नोजल बंद किए बिना CE20 इंजन के वैक्यूम इग्निशन को कर दिखाया है। अब इस टेस्ट में, मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर के प्रदर्शन का भी मूल्यांकन किया गया, जिसमें केवल पहला एलिमेंट एक्टिवेट किया गया था, जबकि अन्य दो एलिमेंट के कंडीशन की निगरानी की गई थी।

इंजन ने हासिल किया परफार्मेंस पैरामीटर

इस टेस्ट के दौरान, इंजन और सुविधा दोनों का प्रदर्शन सामान्य था, और इंजन ने परफार्मेंस पैरामीटर को हासिल किया। इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर द्वारा बनी स्वदेशी CE20 क्रायोजेनिक इंजन LVM3 लॉन्च व्हीकल के ऊपरी फेज को शक्ति दे रहा है और 19 टन के थ्रस्ट लेवल पर चलाने के योग्य है। इस इंजन ने अब तक 6 LVM3 मिशनों के ऊपरी फेज को सफलतापूर्वक संचालित किया है। हाल ही में, इंजन को गगनयान मिशन के लिए 20 टन के थ्रस्ट स्तर के साथ योग्य घोषित किया गया था, और भविष्य के C32 चरण के लिए 22 टन के अपरेटेड थ्रस्ट लेवल के साथ भी योग्य घोषित किया गया था, जिससे LVM3 प्रक्षेपण यान की पेलोड क्षमता में बढ़ोतरी होगी।

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