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Indian Space Research Organisation: दुनिया ने इसरो को किया सलाम, वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण बाजारों में ISRO की बड़ी हिस्सेदारी पर नजर

ISRO: इसरो अपने कारनामे से दुनिया को हमेशा चौकाते रहता है। ऐसे कई मौक पर इसरो ने विश्व को राह दिखाई है। अब वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में बड़ी हिस्सेदारी पर नजर है।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published : Oct 23, 2022 19:49 IST, Updated : Oct 23, 2022 19:49 IST
ISRO
Image Source : INDIA TV ISRO

Highlights

  • चार महीने में एलवीएम-3 का एक प्रक्षेपण करना चाहते हैं
  • वैज्ञानिकों के लिए दीपावली का त्योहार जल्दी शुरू हो गया है
  • 36 उपग्रह कक्षाओं में स्थापित हो गए

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3-एम2 ने रविवार को अपने पहले मिशन के तहत एक ब्रिटिश कंपनी वनवेब के 36 ब्रॉडबैंड उपग्रहों को अंतरिक्ष की निर्धारित कक्षाओं में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। इसके साथ ही इसरो की वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में बड़ी हिस्सेदारी पर नजर है।

इसरो ने अपनी अलग पहचान बनाई 

भारतीय अंतरिक्ष संगठन (ISPA) और अर्न्सट एंड यंग की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 447 अरब डॉलर की है, जिसमें उपग्रह प्रक्षेपण बाजार का आकार छह अरब डॉलर का है। इसरो का ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) रॉकेट कारोबार के मामले में एजेंसी को लाखों डॉलर की आय दिला रहा है और इस तरह इसरो ने उपग्रह प्रक्षेपण के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना ली है। 

अगले साल कई उपग्रहों के भेजने की योजना
पृथ्वी की निचली कक्षाओं में 10 टन पेलोड (भार के उपग्रह) पहुंचाने में सक्षम एलवीएम-3 रॉकेट के साथ इसरो की योजना अब और अधिक भारी उपग्रहों को या अनेक छोटे उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की है। वनवेब के लिए रविवार को प्रक्षेपित किये गये 36 उपग्रहों का कुल वजन 5.7 टन से अधिक रहा और इसरो की अगले साल फरवरी में 36 उपग्रहों का एक और समूह अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, ‘‘अगला एलवीएम-3 फरवरी 2023 तक तैयार होगा, तभी हमारी वनवेब के लिए एक और प्रक्षेपण की योजना है।’’ 

बीच में आ गई थी रूस-यूक्रेन की युद्ध
उन्होंने यहां हाल में एक संवाद में कहा कि ‘‘हम वाणिज्यिक मांग के अनुसार हर तीन से चार महीने में एलवीएम-3 का एक प्रक्षेपण करना चाहते हैं।’’इसरो को वनवेब के लिए उपग्रहों के प्रक्षेपण का अनुबंध इस साल अप्रैल में मिला था। उस समय रूस-यूक्रेन के संघर्ष के कारण ब्रिटेन की कंपनी की कजाकिस्तान के बैकोनुर स्पेसपोर्ट से रूसी रॉकेट के माध्यम से उपग्रहों के प्रक्षेपण की योजना खटाई में पड़ गयी थी। ब्रिटेन की कंपनी वनवेब लिमिटेड इस मिशन के लिए इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनएसआईएल के साथ करार किया था। 

इसरो ने विफलता को पिछे छोड़ दिया 
वनवेब लिमिटेड अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाला वैश्विक संचार नेटवर्क है, जो सरकारों और उद्योगों को इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराता है। भारती इंटरप्राइजेज वनवेब का एक प्रमुख निवेशक है। रविवार को मिली सफलता के साथ ही इसरो ने सात अगस्त की अपनी विफलता को पीछे छोड़ दिया, जब एजेंसी का पहला छोटा उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) टर्मिनल चरण में डेटा लॉस (सूचनाओं की हानि) का शिकार हो गया था और उससे संपर्क टूट गया था। 

वैज्ञानिकों के लिए दीपावली का त्योहार शुरू
इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने रविवार को घोषणा की, अंतरिक्ष एजेंसी में कार्यरत वैज्ञानिकों के लिए दीपावली का त्योहार जल्दी शुरू हो गया है। इसरो ने ट्वीट किया, “एलवीएम3 एम2/वनवेब इंडिया-1 मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। सभी 36 उपग्रहों को निर्धारित कक्षाओं में स्थापित कर दिया गया है।” श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष यान से रात 12 बजकर सात मिनट पर रॉकेट का प्रक्षेपण किये जाने के लगभग 75 मिनट बाद सभी 36 उपग्रह कक्षाओं में स्थापित हो गए।

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