Friday, November 22, 2024
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'आई एम फीलिंग…', चंद्रमा की चौखट पर कदम रखते ही चंद्रयान-3 ने ISRO को भेजा पहला मैसेज

भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद शनिवार को धरती की ग्रैविटी के दायरे से बाहर निकल कर चांद की ऑर्बिट में एंट्री की। अब यहां से चंद्रयान-3 को चरणबद्ध तरीके से चंद्रमा के पास ले जाया जाएगा।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: August 06, 2023 6:50 IST
chandrayaan 3- India TV Hindi
Image Source : ISRO चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा

नई दिल्ली: भारत की अंतरीक्ष में बढ़ती धमक की सबसे बड़ी खबर चंद्रमा की ऑर्बिट से आ गई है। खबर ये है कि शनिवार शाम चंद्रमा की कक्षा में पहुंचते ही चंद्रयान-3 का पहला मैसेज आ गया और वो मैसेज है 'MOX, ISTRAC, मैं चंद्रयान-3 हूं। मुझे चन्द्रमा की ग्रैविटी महसूस हो रही है। चंद्रयान-3 ने जैसे ही चांद की कक्षा में कदम रखा, उसने धरती पर ISRO सेंटर को सबसे पहले यही मैसेज भेजा। जाहिर है अपने सफर के 22 दिन बाद मिशन चंद्रयान-3 ने शनिवार शाम को बड़ी चुनौती को सफलतापूर्वक पार कर लिया।

चंद्रयान-3 पर ताजा अपडेट

भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद शनिवार को धरती की ग्रैविटी के दायरे से बाहर निकल कर चांद की ऑर्बिट में एंट्री की। इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक इस प्रोसेस को अंजाम देने में कुल आधे घंटे का वक्त लगा और चंद्रयान को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा दिया गया। अब यहां से चंद्रयान-3 को चरणबद्ध तरीके से चंद्रमा के पास ले जाया जाएगा। आनेवाले 17 दिनों में चंद्रयान-3 चंद्रमा के चार और ऑर्बिट को पार करते हुए चंद्रमा पर जा पहुंचेगा। यानी सबकुछ तय वक्त के अनुसार चलता रहा तो 23 अगस्त को चंद्रयान थ्री की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जा सकेगी।

चंद्रयान-3 के लिए 600 करोड़ रुपये खर्च
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अपनी महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 के लिए 600 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 14 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में लॉन्च किया और तब से हम सांसें रोककर इसके अगले स्टेप का इंतजार कर रहे थे। एक बार चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश सफल हो जाने पर हम 17 अगस्त तक इंतजार करेंगे, तब तक कक्षा गोलाकार हो जाएगी तब 23 अगस्त की शाम 5.47 को, हम एक टचडाउन की उम्मीद कर रहे हैं। 14 जुलाई को चंद्रयान-3 पृथ्वी से चांद के लिए निकला था। कल शाम 7.15 बजे के करीब इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया। यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके इसके लिए इसकी स्पीड कम की गई। स्पीड कम करने के लिए इसरो वैज्ञानिकों ने यान के थ्रस्टर को कुछ देर के लिए फायर किया जिसके बाद चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया।

चंद्रमा पर लैंडिंग से पहले चंद्रयान चार बार अपनी ऑर्बिट बदलेगा। इस पूरी प्रक्रिया को मिशन आपरेशंस कांप्लेक्स (MOX) बेंगलुरु से पूरा किया गया। इसरो के मुताबिक चंद्रयान-3 को अगली कक्षा में पहुंचाने की प्रक्रिया यानि रिडक्सन आफ आर्बिट आज रात 11 बजे पूरी की जाएगी।

स्पेस मिनिस्टर ने की तारीफ
इसरो की इस शानदार उपलब्धि की तारीफ करते हुए अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''चंद्रयान 3 चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया है। आने वाले दिनों में इसे चांद से 100 किलोमीटर की दूरी तक उतारा जाएगा। यात्रा बिना किसी बाधा के जारी है और चांद करीब आ रहा है, और ज्यादा करीब।'' बता दें कि चंद्रयान 3 की सफलता के साथ ही भारत अंतरिक्ष की चौथी महाशक्ति बन जाएगा। अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा पर अपने यान की सॉफ्ट-लैंडिंग करा सके हैं। अब हर एक बीतते दिन के साथ भारत की उम्मीदें बढ़ती जा रही है।

चंद्रयान का मकसद क्या है?
दरअसल, चंद्रयान-3 के जरिए भारत चांद की स्‍टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्‍यों से पर्दा हटाएगा। चंद्रयान 3 चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा। वह वहां के वातावरण, खनिज, मिट्टी वगैरह जुड़ी तमाम जानकारियों को जुटाएगा। 2008 में जब इसरो ने भारत का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, तब इसने चंद्रमा की परिक्रमा की और चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की थी।

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