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Chandrayaan-3: आज दो हिस्सों में बंट जाएगा चंद्रयान-3, दोपहर 1 बजे प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होगा विक्रम लैंडर, जानें क्या होगा आगे

चंद्रयान-3 के जरिए भारत चांद की स्‍टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्‍यों से पर्दा हटाएगा। भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। मिशन चंद्रयान 3 को लेकर एक अहम प्रक्रिया को इसरो के वैज्ञानिक अंजाम देंगे।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Aug 17, 2023 6:48 IST, Updated : Aug 17, 2023 7:29 IST
chandrayaan 3
Image Source : FILE PHOTO चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन, लैंडर मॉड्यूल होंगे अलग

नई दिल्ली: पूरे देश की निगाहें चद्रयान-3 पर लगी हुई हैं क्योंकि आज इस यात्रा में एक अहम पड़ाव आने वाला है। आज से विक्रम लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा और लैंडिंग तक अपना सफर अकेले तय करेगा। दरअसल, मिशन चंद्रयान 3 को लेकर आज एक अहम प्रक्रिया को इसरो के वैज्ञानिक अंजाम देंगे। आज लैंडर विक्रम को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग किया जाएगा। दोपहर करीब 1 बजे प्रोपल्शन मॉड्यूल की मदद से विक्रम लैंडर रोवर के साथ चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचेगा जिसके बाद आगे का सफर लैंडर विक्रम अपने आप ही तय करेगा।

23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करेगा चंद्रयान-3

चांद से न्यूनतम दूरी जब 30 किलोमीटर रह जाएगी तब लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरने की यात्रा शुरू करेगा और ये 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 पर होगा। हालांकि सॉफ्ट लैंडिंग की इस प्रक्रिया में अभी कई चुनौतियां हैं। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा का आधे से ज्यादा स्पेसक्राफ्ट पूरा कर चुका है और 23 अगस्त को यान चंद्रमा पर लैंड करेगा। आइए बताते हैं चंद्रयान-3 का लॉन्च होने से लेकर 23 अगस्त तक का प्रोसेस-

चंद्रयान-3 का सफर

  • 14 जुलाई, 2023: दोपहर 2.45 बजे LVM3 रॉकेट से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया। 16 मिनट बाद रॉकेट ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा।
  • 14 जुलाई-31 जुलाई, 2023: चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाता रहा। इंजन फायरिंग से स्पेसक्राफ्ट ने 5 बार अंडाकार कक्षा बढ़ाई।
  • 1 अगस्त, 2023: चंद्रयान-3 के कक्षा का ट्रांसफर हुआ। स्पेसक्राफ्ट ने चंद्रमा की तरफ बढ़ना शुरू किया।
  • 5 अगस्त, 2023: चंद्रयान-3 का स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा
  • 16 अगस्त, 2023: चंद्रयान-3 चंद्रमा की पांचवीं कक्षा में पहुंचा
  • 17 अगस्त, 2023: चंद्रमा से 100 किमी ऊपर प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर अलग होगा। लैंडर 100x30 किमी की कक्षा में स्पीड कम करना शुरू करेगा
  • 23 अगस्त, 2023: शाम 5:47 बजे लैंडर चांद पर लैंडिंग करेगा। रोवर रैंप से बाहर निकलेगा और 14 दिन तक चांद की सतह पर प्रयोग करेगा।

चंद्रयान का मकसद क्या है?
दरअसल, चंद्रयान-3 के जरिए भारत चांद की स्‍टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्‍यों से पर्दा हटाएगा। चंद्रयान 3 चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा। वह वहां के वातावरण, खनिज, मिट्टी वगैरह जुड़ी तमाम जानकारियों को जुटाएगा। 2008 में जब इसरो ने भारत का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, तब इसने चंद्रमा की परिक्रमा की और चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की थी।

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