Sunday, January 12, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. SpaDeX मिशन को लेकर ISRO का बड़ा अपडेट, 15 मीटर से 3 मीटर तक पहुंचाने का ट्रायल सफल

SpaDeX मिशन को लेकर ISRO का बड़ा अपडेट, 15 मीटर से 3 मीटर तक पहुंचाने का ट्रायल सफल

इसरो ने SpaDeX मिशन को लेकर बताया कि दोनों सेटेलाइट्स के बीच की दूरी को 15 मीटर तक और आगे 3 मीटर तक पहुंचाने का ट्रायल अटेम्प्ट सफल रहा है।

Reported By : T Raghavan Edited By : Malaika Imam Published : Jan 12, 2025 7:24 IST, Updated : Jan 12, 2025 8:02 IST
SpaDeX मिशन
Image Source : ISRO SpaDeX मिशन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO ने रविवार सुबह स्पैडेक्स (SpaDeX ) मिशन को लेकर बड़ा अपडेट दिया। इसरो ने बताया कि दोनों सेटेलाइट्स के बीच की दूरी को 15 मीटर तक और आगे 3 मीटर तक पहुंचाने का ट्रायल अटेम्प्ट सफल रहा है। अब अंतरिक्षयानों को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया गया है। इस ट्रायल अटेम्प्ट के डेटा का और अधिक विश्लेषण करने के बाद डॉकिंग की प्रक्रिया जाएगी।

ISRO ने बताया कि फिलहाल डॉकिंग की प्रक्रिया रोक दी गई है। अब डेटा विश्लेषण के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। इसरो के सूत्रों के मुताबिक, इसमें लंबा वक्त लग सकता है।

क्या है SpaDeX मिशन?

SpaDeX मिशन में दो सैटेलाइट हैं। पहला चेसर और दूसरा टारगेट। 

  • चेसर सैटेलाइट टारगेट को पकड़ेगा। उससे डॉकिंग करेगा। 
  • इसके अलावा इसमें एक महत्वपूर्ण टेस्ट और हो सकता है। सैटेलाइट से एक रोबोटिक आर्म निकले हैं, जो हुक के जरिए यानी टेथर्ड तरीके से टारगेट को अपनी ओर खींचेगा। 
  •  ये टारगेट अलग क्यूबसैट हो सकता है। इस प्रयोग से फ्यूचर में इसरो को ऑर्बिट छोड़ अलग दिशा में जा रहे सैटेलाइट को वापस कक्षा में लाने की तकनीक मिल जाएगी। 
  • साथ ही ऑर्बिट में सर्विसिंग और रीफ्यूलिंग का ऑप्शन भी खुल जाएगा। 
  • Spadex मिशन में दो अलग-अलग स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में जोड़कर दिखाया जाएगा।

क्या है डॉकिंग की प्रक्रिया?

  • स्पेस डॉकिंग में दो सैटेलाइट्स एक-दूसरे के बहुत करीब आते हैं और एक साथ जुड़ जाते हैं।
  • यह एक जटिल तकनीकी प्रक्रिया है, जिसे खासतौर पर अंतरिक्ष अभियानों में इस्तेमाल किया जाता है।
  • डॉकिंग का मुख्य उद्देश्य 2 उपग्रहों को एक-दूसरे से जोड़कर डेटा शेयर करना, पावर सोर्सेज को जोड़ना या किसी विशेष मिशन को अंजाम देना होता है।
  • स्पेस डॉकिंग के दौरान एक अंतरिक्ष यान को दूसरे यान के पास लाकर उसे नियंत्रित तरीके से जोड़ना पड़ता है, ताकि कोई नुकसान न हो।

ये भी पढ़ें-

कन्नौज रेल हादसे पर सामने आया अखिलेश यादव का बयान, घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान, जांच के लिए बनी कमेटी

दिल्ली चुनाव 2025: भाजपा ने 29 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की, जानिए किसे मिला टिकट

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement