
नई दिल्ली: गाजा पर इजरायल के हवाई हमलों के बाद भारत सरकार ने प्रतिक्रिया दी है। भारत सरकार ने बुधवार को कहा कि वह गाजा की स्थिति को लेकर चिंतित है और उसने संघर्ष प्रभावित फलस्तीनी क्षेत्र के लोगों को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने का आह्वान किया। भारत की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब इजराइल ने मंगलवार को गाजा में हवाई हमले फिर से शुरू कर दिए हैं, जिससे जनवरी में हमास के साथ हुए युद्धविराम पर अनिश्चितता पैदा हो गई है।
हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल की बमबारी में 400 से अधिक लोग मारे गए। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम गाजा की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सभी बंधकों को रिहा किया जाए।’’ बयान में कहा गया, ‘‘हम गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की आपूर्ति जारी रखने का भी आह्वान करते हैं।’’
हवाई हमले तो सिर्फ शुरुआत है- नेतन्याहू
इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि गाजा में मंगलवार को किए गए हवाई हमले ‘‘सिर्फ शुरुआत है’’ और सभी युद्धविराम वार्ताएं ‘‘हमले जारी रहने’’ के दौरान होंगी। राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित रिकॉर्डेड (पहले से रिकॉर्ड) बयान में कहा गया कि नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल तब तक हमले करता रहेगा जब तक कि वह अपने सभी युद्ध लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लेता, जिसमें हमास को नष्ट करना और इसके द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों को छुड़ाना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘हमास द्वारा इससे पहले रिहा किए गए बंधकों से यह साबित हो गया है कि उन्हें (बंधकों को) छुड़ाने के लिए सैन्य दबाव एक आवश्यक शर्त है।’’
हमास के साथ संघर्षविराम टूटा
इजराइल ने मंगलवार सुबह गाजा पट्टी क्षेत्र में हवाई हमले किए, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 404 फलस्तीनी मारे गए। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अचानक किये गए इस हमले की वजह से जनवरी से लागू संघर्षविराम टूट गया तथा 17 महीने से जारी युद्ध के फिर से शुरू होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्षविराम समझौते में बदलाव की इजराइली मांग को हमास द्वारा अस्वीकार किये जाने के बाद हमले का आदेश दिया। अधिकारियों ने कहा कि हमले का दायरा बढ़ने की संभावना है।
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