करीब 36 दिन तक पंजाब पुलिस को चकमा देने के बाद आज 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह गिरफ्तार हुआ है। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद बेहद हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। खुफिया एजेंसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमृतपाल को ISI से अमृतपाल को जान का खतरा था और वह उसे मरवाना चाहती थी। आज गिरफ्तारी को लेकर अमृतपाल ने सोशल मीडिया पर रिलीज किए वीडियो में दावा किया है कि उसने सरेंडर किया है, हालांकि पंजाब पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पूरे दल-बल के साथ मोगा के रोडे गांव पहले ही पहुंच चुकी थी।
अमृतपाल को मरवाना चाहती थी ISI
खुफिया एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि अमृतपाल पंजाब से फरार होने के बाद पहले कुरुक्षेत्र और फिर दिल्ली पहुंचा था। इसके बाद वो नेपाल भागने की फिराक में था। फिर वहां से पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के पास पहुंचना चाहता था। लेकिन चौंकाने वाला ट्विस्ट तब आया जब उसे पता लगा कि जिस ISI ने उसे पंजाब में आतंक को जिंदा करने के लिए प्लांट किया था, वो अब उसे मरवाना चाहती थी। लिहाजा अमृतपाल ने एकाएक अपने प्लान में बदलाव किया और वो बैसाखी पर एक धार्मिक स्थल पर सरेंडर करना चाहता था। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक जो आईएसआई अमृतपाल को पंजाब में आतंक और ड्रग्स फैलाने के लिए हथियार और नशीले पदार्थ सप्लाई कर रही थी, वो अब अमृतपाल को मरवाना चाहती थी।
अमृतपाल को मारकर पंजाब को सुलगाने की थी साजिश
ISI जानती थी कि मरा हुआ अमृतपाल पूरे पंजाब में आग लगा सकता था। भारत की खुफिया एजेंसियों और अमृतपाल को भी ISI की इस प्लानिंग की भनक लग चुकी थी। यही कारण था कि अमृतपाल वापस पंजाब पहुंच गया और खुफिया एजेंसियों की उसके पंजाब पहुंचते ही इसकी जानकारी मिल चुकी थी। अब देश की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की पहली प्राथमिकता अमृतपाल सिंह की सुरक्षा की थी। इसलिए ऑपरेशन अमृतपाल में लंबा समय लगा। लेकिन इस दौरान उसके ज्यादातर करीबियों को गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है।
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