नई दिल्ली: इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा धरने के 11 दिन बाद पहलवानों से जंतर मंतर मिलने पहुंची। उन्होंने यहां विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत सभी पहलवानों से मुलाकात की। बता दें कि 23 अप्रैल से विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत कई पहलवान कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। ये सभी पहलवान बीजेपी सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे व गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
"पहलवानों से साथ पीटी उषा"
पीटी उषा से मुलाकात करने के बाद बजरंग पुनिया ने कहा, "पीटी उषा ने कहा है कि वे पहलवानों से साथ हैं और वे हमें न्याय दिलाएंगी। उन्होंने कहा कि पहले वे एथलीट हैं, इसके बाद कुछ और। वह हमारे मुद्दे को देखेंगी और जितनी जल्दी हो सके इसे हल करेंगी।' बजरंग पुनिया ने आगे कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के जेल जाने तक हम यहीं रहेंगे।
इससे पहले किया था प्रदर्शन का विरोध
दिल्ली में पहलवानों के धरने की आलोचना करने पर विरोध का शिकार हुईं भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा बुधवार को खिलाड़ियों से मिलने धरना स्थल पर पहुंचीं। बता दें कि राज्यसभा सांसद उषा ने विरोध की निंदा करते हुए कहा था कि पहलवानों में अपनी मांग के समर्थन में सड़क पर उतरने में अनुशासन की कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कार्रवाई ने भारत की छवि को धूमिल किया है। इस बीच, भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर खिलाड़ियों के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर मामला दर्ज किए जाने के 3 दिन बाद भी दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों का बयान दर्ज नहीं किया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया था कि सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में पुलिस बीजेपी सांसद से पूछताछ कर सकती है, लेकिन अभी तक उन्हें कोई आधिकारिक नोटिस नहीं दिया गया है।
पहलवानों को दी गई सुरक्षा
हाल ही में सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक नाबालिग सहित महिला पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा प्रदान की थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि सिंह के खिलाफ उनकी शिकायतों के बाद दिल्ली पुलिस को पहलवानों को सुरक्षा प्रदान की जाए, जिन पर दो प्राथमिकी में एक महिला का शील भंग करने, पीछा करने और POCSO अधिनियम की धारा 10 के तहत मामला दर्ज किया गया है।