केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने साइबर ठगी के आरोप में ऑपरेशन चक्र 3 के तहत 43 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग गुरुग्राम से से कॉल सेंटर चलाकर विदेशी नागरिकों को ठग रहे थे। सीबीआई ने कई देशों की एजेंसियां जैसे एफबीआई और इंटरपोल की मदद से ऑपरेशन को अंजाम दिया। ऑपरेशन चक्र 3 के जरिए जिस गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। वह चीनी कंपनी के इशारों पर दुनिया के अलग-अलग कोने में मौजूद लोगों को ठगने का काम करता था।
सीबीआई ने इस मामले में 22 जुलाई 2024 को केस दर्ज किया था। इसके बाद दिल्ली और गुरुग्राम में 7 लोकेशन पर छापेमारी की थी। गुरुग्राम की डीएलएफ साइबर सिटी से कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। यहां से 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन और 5 लैपटॉप बरामद किए गए हैं।
कैसे करते थे ठगी?
अंतराष्ट्रीय गिरोह के ठग लोगों के कंप्यूटर पर एक पॉप अप भेजकर संदिग्ध सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कहते थे। इसके बाद उनके सिस्टम को रिस्टोर करने के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाते थे। ठगों के पास से बड़ी संख्या में पीड़ितों की जानकारी, दस्तावेज, काल रिकॉर्डिंग और ट्रांसक्रिप्ट बरामद की गई है। सीबीआई, इंटरपोल और एफबीआई की संयुक्त जांच अभी भी जारी है।
चीनी कंपनी कराती थी ठगी
गिरोह के लोगों से चाइनीज कंपनी अलग-अलग देशों से नागरिकों से ठगी करवाती थी। अलग अलग देशों में साइबर फाइनेंशियल क्राइम को कराया जाता था और ठगी का पैसा हॉन्गकॉन्ग भेजा जाता था। इस कंपनी का नाम Innonet technology (opc) pvt limited है। जांच में सामने आया है कि अलग अलग देशों से साइबर फाइनेंशियल क्राइम चेनेलाइज्ड करके हॉन्गकॉन्ग भेजे जाते थे।
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