अयोध्या: भगवान राम की नगरी अयोध्या के मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मार्गों पर निर्देश पट्टिकाएं लगाई जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि अलग-अलग राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए विभिन्न भाषाओं में पट्टिकाएं लगाई जाएंगी। अयोध्या पहुंचे एडीजी जोन पीयूष ने इस बारे में बात करते हुए जानकारी दी कि इनमें दक्षिण की तमिल, तेलुगू जैसी बडे पैमाने पर बोली जाने वाली भाषाओं में भी पट्टिकाएं होंगी।
कुछ मार्गों पर रोकी जा सकती हैं गाड़ियां
ADG पीयूष ने बताया कि अयोध्या में प्रमुख मंदिरों की तरफ जाने वाले मार्गों को चिन्हित कर उन मार्गों पर यथासंभव यथा आवश्यकता के मुताबिक श्रद्धालुओं के चलने के लिए योजना बनाई गई है। जिस मार्ग से पैदल यात्री जा सकें, उन मार्गों पर गाड़ियों को जाने से रोका जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यह भी निर्धारित किया जा रहा है कि जहां पर वाहनों के आने की आवश्यकता है, वहां वे इस प्रकार से आएं कि अन्य लोगों का आना-जाना बाधित न हो। मार्गों की आवश्यकता के अनुरूप प्लान तैयार किया जा रहा है। कुछ मार्गों पर ई-रिक्शा को बैन भी किया जा सकता है।’
22 जनवरी को है रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
ADG ने बताया कि देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए अयोध्या के मार्गों पर अलग अलग भाषाओं में निर्देश पट्टिकाएं लगाई जाएंगी, जिससे कि श्रद्धालुओं को मंदिर जाने में दिक्कत न हो। खासकर दक्षिण के राज्यों की भाषाओं में निर्देश पट्टिकाएं भी होंगी। वहीं, अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल ने कहा कि 22 जनवरी को आने वाले मेहमानों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है। बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है जिसमें बड़े पैमाने पर गणमान्य लोगों को बुलाया गया है।