Friday, November 22, 2024
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नौसेना की जागीर बनी INS वागीर, समुद्र के भीतर ही कर देगी दुश्मन का खेल खल्लास

Indian Navy gets INS Vagir Attack Submarine: महज दो वर्षों के अंतराल में मोदी सरकार ने भारतीय नौसेना के बेड़े में तीसरी अटैक सबमरीन की सौगात दी है। आज 20 दिसंबर को परियोजना की पांचवीं पनडुब्बी - 75, कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी, यार्ड 11879 भारतीय नौसेना को सौंप दी गई।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 21, 2022 6:12 IST
आइएनएस वागीर, अटैक सबमरीन (पनडुब्बी)- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV आइएनएस वागीर, अटैक सबमरीन (पनडुब्बी)

Indian Navy gets INS Vagir Attack Submarine:  महज दो वर्षों के अंतराल में मोदी सरकार ने भारतीय नौसेना के बेड़े में तीसरी अटैक सबमरीन की सौगात दी है। आज 20 दिसंबर को परियोजना की पांचवीं पनडुब्बी - 75, कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी, यार्ड 11879 भारतीय नौसेना को सौंप दी गई। यह अटैक सबमरीन इतनी खतरनाक है कि पानी के भीतर ही दुश्मन का खेल खल्लास कर सकती है। 

परियोजना - 75 में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण शामिल है। इन पनडुब्बियों का निर्माण मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई में किया जा रहा है। 12 नवंबर 2020 को लॉन्च की गई वागीर ने 01 फरवरी 2022 से समुद्री परीक्षण शुरू किया था और यह बहुत गर्व की बात है कि उसने समय से पहले ही अन्य पनडुब्बियों की तुलना में कम से कम वक्त में हथियार और सेंसर परीक्षणों सहित सभी प्रमुख परीक्षणों को पूरा कर लिया। 

लगातार बढ़ रही नौसेना की ताकत

भारत लगातार अपनी समुद्री ताकत को मजबूत कर रहा है। इसी वर्ष भारतीय नौसेना को खतरनाक युद्धपोत आइएनएस विक्रांत और विक्रमादित्य भी मिल चुके हैं। इसके अलावा आइएनएस उदयगिरी परमाणु पनडुब्बी भी नौसेना की ताकत बनी है। अब आइएनएस वागीर के आने से नौसेना की समुद्री ताकत में और अधिक इजाफा हो गया है। पनडुब्बी निर्माण एक जटिल गतिविधि है, क्योंकि कठिनाई तब बढ़ जाती है जब सभी उपकरणों को छोटा करने की आवश्यकता होती है और सभी कार्य कड़े गुणवत्ता की आवश्यकताओं के अधीन होते हैं। एक भारतीय यार्ड में इन पनडुब्बियों का निर्माण 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक और कदम है। 24 महीने की अवधि में भारतीय नौसेना को दी गई तीसरी पनडुब्बी है। इस लिहाज से यह उपलब्धि हौसले को बढ़ाने वाली है। इस पनडुब्बी को जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।

ये है मुख्य खासियत
आइएनएस वागीर कलवारी क्लास डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है। इसकी गति पानी के ऊपर करीब 20 किलोमीटर प्रतिघंटा और पानी के अंदर 37 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह 15 से 30 हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर सकती है। यह लगातार 50 दिनों तक पानी के अंदर रह सकती है और 350 फिट की समुद्र की गहराई तक जा सकती है। इसके जरिये 18 एसयूटी टारपीडोज और एसएम .39  एक्सोसेट एंटीशिप मिसाइल को लांच किया जा सकता है। यह पानी के अंदर समुद्री सुरंग भी बिछा सकती है। एक बार में 30 समुद्री सुरंग बिछाने की क्षमता है। यह दुश्मनों पर अटैक करने के साथ उनकी जासूसी भी कर सकती है। इसकी लंबाई, चौड़ा और ऊंचाई क्रमशः 221 फिट, 20 फिट और 40 फिट है। यह एंटी टारपीडो काउंटर मेजर सिस्टम से भी लैस है। पानी के अंदर से ही मिसाइल लांच करने की क्षमता है। 

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