Friday, September 13, 2024
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INS अरिघात : दुश्मन की हर चाल होगी नाकाम, परमाणु हथियारों से लैस दूसरी पनडुब्बी तैयार, जानें इसकी खासियत

आधिकारिक तौर पर इसके शामिल होने के बाद भारत के पास दो एसएसबीएन न्यूक्लियर सबमरीन हो जाएंगी। इससे पहले साल 2016 में स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिहंत’ को जंगी बेड़े में शामिल किया था।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: August 29, 2024 13:10 IST
Nuclear submarine- India TV Hindi
Image Source : PTI परमाणु हथियारों से लैस दूसरी पनडुब्बी तैयार

नई दिल्ली: भारतीय नौसैना की नई ताकत देने और इसकी मारक क्षमता में और इजाफा करने के लिए देश की दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी  INS अरिघात पूरी तरह से तैयार है। INS अरिघात या S-3 को आज रक्षा राजनाथ सिंह भारतीय नौसेना को सौपेंगे। इस पनडुब्बी को 2017 में लॉन्च किया गया था तब से इसकी टेस्टिंग चल रही थी। अब इसे कमीशन किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विशाखापत्तनम में इस पनडुब्बी को नौसेना को सौंपेंगे। कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, भारतीय स्ट्रेटेजिक कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल सूरज बेरी और DRDO के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। आधिकारिक तौर पर इसके शामिल होने के बाद भारत के पास दो एसएसबीएन न्यूक्लियर सबमरीन हो जाएंगी। इससे पहले साल 2016 में स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिहंत’ को जंगी बेड़े में शामिल किया था।

750 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली मिसाइल से लैस

अरिघात शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। संस्कृत में इसका अर्थ है, दुश्मनों का संहार करने वाला। भारत की इस दूसरी परमाणु पनडुब्बी को विशाखापट्टनम स्थित शिपयार्ड में बनाया गया है। अरिहंत पनडुब्बी समुद्र से 750 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली के-15 बैलिस्टिक मिसाइल (न्यूक्लियर) मिसाइल से लैस है। इतना ही नहीं भारतीय नौसेना कि यह आधुनिकतम पनडुब्बी 4000 किलोमीटर तक मार करने वाली के-4 मिसाइल से भी लैस की जाएगी।

पनडुब्बी का वजन करीब छह हजार टन

इस परमाणु पनडुब्बी का वजन करीब छह हजार टन है। अरिघात की लंबाई करीब 110 मीटर और चौड़ाई 11 मीटर है। आईएनएस 'अरिघात' स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड का हिस्सा बनेगी और स्ट्रेटेजिक फोर्स से जुड़े होने के कारण इस परमाणु पनडुब्बी की कमीशनिंग के बारे में नौसेना द्वारा कोई भी आधिकारिक सूचना साझा नहीं की गई है।

काफी एडवांस है अरिघात पनडुब्बी

रक्षा सूत्रों ने बताया है कि देश की यह दूसरी परमाणु पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिघात’ भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह भारत की दूसरी स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी तो जरूर है लेकिन 'अरिघात' अपने ही क्लास की अरिहंत से कई मामलों में काफी अधिक एडवांस है। वहीं भारतीय सेना की तीसरी परमाणु पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिदमन’ का निर्माण भी जारी है। इसके निर्माण के बाद भारत के जंगी बेड़े में 16 डीजल (एसएसके) कन्वेंशनल सबमरीन हो जाएगी व तीन परमाणु पनडुब्बी (एसएसबीएन) भी भारत के पास होगीं।

गौरतलब है कि इससे पहले भारत के पास एसएसएन यानी न्यूक्लियर पावर पनडुब्बी को दस साल की लीज खत्म होने के बाद वर्ष 2022 में वापस रूस भेज दिया गया था। वर्ष 2004 में भारत ने चार एसएसबीएन (‘शिप, सबर्मसिबल, बैलिस्टिक, न्यूक्लियर’) पनडुब्बी बनाने के लिए एडवांसड टेक्नोलॉजी वेसेल (एटीवी) लॉन्च किया था। इस प्रोजेक्ट की एक चौथी पनडुब्बी (कोड नेम एस-4) भी निर्माणाधीन है। (इनपुट-आईएएनएस)

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