Highlights
- फेक न्यूज़ और अफवाह फैलाने के मामले में साल 2021 में 42% की कमी आई है
- छतों पर भी निकलना मुनासिब नहीं समझते थे
- सिलबट्टे से किसी की भी पिटाई कर देती है
Viral News: देश के कई हिस्सों से बच्चा चोरी करने के शक में आम लोगों को पीटे जाने की खबरें लगातार सुर्खियों में आ रही हैं। इस तरह के कई मामले सामने आए और जब जांच किया गया तो आरोपी निर्दोष निकला। इसी बीच बुधवार को महाराष्ट्र के सांगली में 4 साधुओं को बच्चा चोरी के शक में लोगों ने जमकर पीटा। हालांकि मौके पर पुलिस पहुंच कर उन साधुओं को बचा लिया।। यह सभी यूपी के रहने वाले है जो कि पंढरपुर दर्शन के लिए गए थे।
पहले भी महाराष्ट्र में भीड़ हो गई है बेकाबू
महाराष्ट्र में जो हुआ ऐसा पहली बार नहीं हुआ। महाराष्ट्र के पालघर जिले में 16 अप्रैल 2020 को बच्चा चोरी के शक में दो साधु समेत तीन लोगों को बेरहमी से मारा गया था। बेकाबू भीड़ ने दोनों साधुओं की हत्या कर दी। दोनों साधु अपनी गाड़ी से मुंबई से सूरत जा रहे थे तभी यह घटना उनके साथ हुई। बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड से इस तरह की घटनाएं अकसर सामने आया करती हैं। इस तरह की घटनाओं में कई बेगुनाह भीड़ के शिकार हो जाते हैं और अपनी जान गवां देते हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने लोगों से बार-बार किया अपिल
साल 2019 में उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक बच्चा चोरी करने के आरोप में कई बेगुनाह लोग मारे गए। प्रशासन लोगों से अपील करती थी कि इस तरह की भ्रामक चीजों से परहेज करें लेकिन हिंसक भीड़ बच्चा चोरी के शक में किसी को भी पीट-पीटकर हत्या कर देती थी। प्रशासन के द्वारा कहा जाता था कि यह पूरी तरह से अफवाह है, इस तरह की बातों पर बिल्कुल ध्यान ना दें अगर आप ऐसा करते हैं तो इसमें सिर्फ एक बेगुनाह की मौत होती है।
चोटी कटवा वाला अफवाह
आपको बता दें कि 2017 में अगस्त के महीने में दिल्ली, एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अफवाह फैली कि रात को महिलाओं की चोटी काट दे रही है। यह अफवाह जंगल की आग की तरह फैल गई। इसमें बताया गया कि महिलाएं जब सुबह उठती है तो उन्हें उनकी चोटी कटी हुई मिलती। इन राज्यों के कई इलाकों में चोटी कटने के शक में पिटाई की घटना सामने निकल कर आई। इसी अफवाह के कारण आगरा में एक बुजुर्ग महिला की हत्या कर दी गई, उसके ऊपर आरोप लगा कि यही महिला है जो महिलाओं की चोटी काटती है। अफवाह इतना फैल गया कि लोग रात भर जग कर पहरा देने लगे। इन सब चीजों से बचने के लिए लोगों ने अपने घर के बाहर नींबू मिर्ची लटकाने लगे और दिवारों पर हल्दी के छाप भी लगाए जाने लगे। जब इन मामलों को पुलिस ने जांच किया तो ये भी निराधार साबित हुआ।
मंकी मैन की अफवाह
इसी तरह की अफवाह 2001 में फैली मंकी मैन की। दिल्ली एनसीआर समेत कई इलाकों में अफवाह इतनी तेजी से फैली की लोग घर से बाहर निकलने में सोचने लगे। लोगों का कहना था कि मंकी मैन के शरीर पर काले घने बाल हैं और चेहरा हेलमेट से ढका रहता है। इन अफवाहों के साथ-साथ कई घायल लोग भी सामने आए उन्होंने दावा किया कि उनके ऊपर मंकी मैन अटैक किया है और उन्होंने मंकी मैन को खुद अपनी आंखों से देखा है। इस तरह की अफवाहों को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए जांच किया तो किसी तरह के पंजे का निशान या जानवर के काटने के प्रूफ नहीं मिले। यानी इस साफ हो गया कि कोई मंकी मैन नहीं था।
सिलबट्टे वाली बुढ़िया की अफवाह
इन अफवाहों के मंजर में सिलबट्टे वाली बुढ़िया की अफवाह भी 2015 में देखी गई। बिहार दिल्ली और एनसीआर समेत कई हिस्सों में यह अफवाह तेजी से फैली की बुढ़िया सिलबट्टे से किसी की भी पिटाई कर देती है। खासतौर पर इसका असर बिहार के ग्रामीण हिस्सों में देखा गया। ग्रामीणों का कहना था कि बुढ़िया के डर से लोग अपने घर की सिलबट्ट को छिपाकर रखने लगे।
मुंह नोचवा का अफवाह
इन सबके बीच सबसे अधिक पॉपूलर होने वाली अफवाह मुंहनोंचवा था। मुंहनोंचवा का अफवाह बिहार और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में काफी तेजी से फैला था। 2002 में यह अफवाह इतनी तेजी से फैली कि लोग अपनी छतों पर भी निकलना मुनासिब नहीं समझते थे। अफवाह फैली कि आसमान से आने वाली एक वस्तु लोगों के चेहरे पर चोट करती है और वह वस्तु लाल और नीले रंग की होती है। जिसे लोगों खुद इसका नाम मुंहनोंचवा रखा दिया। इन अफवाहों के बीच कई लोगों के इसमें घायल होने की खबरें भी सामने आई। लोग अपने छतों पर जाना बंद कर दिए ,अपने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिए। ये अफवाह गर्मी के दिन में फैली थी।
फेक न्यूज़ और अफवाह फैलाने के 182 मामले दर्ज
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, फेक न्यूज़ और अफवाह फैलाने के मामले में साल 2021 में 42% की कमी आई है। जबकि 2019 में फेक न्यूज़ फैलाने के 486, 2020 में 1,527 और 2021 में 882 आंकड़े सामने आए। साल 2021 में सबसे ज्यादा मामला तेलंगाना में दर्ज किया गया, यहां 218 केस सामने आए। तमिलनाडु में 140, मध्यप्रदेश में 129, उत्तर प्रदेश में 82 और पांचवे नंबर पर महाराष्ट्र में 66 मामले दर्ज किए गए।