Highlights
- रेलवे ने 756 रेलवे स्टेशनों पर वीएसएस लगाने की योजना तैयार की
- इसमें मध्यप्रदेश के 15 रेलवे स्टेशन भी हैं शामिल
- वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग 30 दिनों के लिए स्टोर की जा सकती है
Indian Railways: इंडियन रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए हमेशा कोशिशों में जुटी रहती है। खासतौर पर सुरक्षा तंत्र को लेकर रेल मैनेजमेंट काफी गंभीर है। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने को लेकर बड़ा काम किया जा रहा है। रेलवे ने देश के 756 खास रेलवे स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली यानी वीएसएस लगाने की योजना तैयार की है। इसमें मध्यप्रदेश के 15 रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं। पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के अंतर्गत ये रेलवे स्टेशन आते हैं। रेल मंत्रालय (Rail Ministry) ने निर्भया फंड के तहत भारतीय रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली लगाने की मंजूरी दी है।
क्या है वीडियो सर्विलांस सिस्टम
रेलवे स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम (वीएसएस) जिसे सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क भी कहा जाता है, उसे लगाने का काम शुरू हो गया है। इस काम के लिए एजेंसियों को नियुक्त कर दिया गया है। इंडियन रेलवे की इस अहम परियोजना के इम्प्लीमेंट यानी क्रियान्वयन के लिए 'रेलटेल' को जिम्मा सौंपा गया है। रेलटेल भारत सरकार का सर्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। परियोजना के पहले चरण में भारतीय रेलवे के कुल 756 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को शामिल किया गया है। इनमें पश्चिम मध्य रेलवे के भी कुल 15 रेलवे स्टेशन शामिल हैं। यह काम जनवरी, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। बाकी स्टेशनों का कार्य फेज-2 के क्रियान्वयन के समय शामिल किया जाएगा।
पश्चिम मध्य रेलवे के इन स्टेशनों पर लगेगा वीएसएस
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इससे रेल सुरक्षा बल को रेलवे स्टेशन पर बेहतर सुरक्षा बनाए रखने के अलावा और अन्य सहूलियतें भी मिल सकेंगी। सीसीटीवी कैमरों से मिलने वाली वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग 30 दिनों के लिए स्टोर की जा सकती है। पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल के बीना, रानी कमलापति, होशंगाबाद एवं विदिशा, जबलपुर मंडल के पिपरिया, जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना, रीवा, दमोह एवं सागर तथा कोटा मंडल के भरतपुर, सवाईमाधोपुर एवं कोटा रेलवे स्टेशनों को इस परियोजना के पहले चरण में शामिल किया गया है।