नई दिल्ली: भारत पिछले कुछ सालों से दुनिया के सबसे ताकतवर रेल इंजनों का निर्माण कर रहा है। इन इंजनों की क्षमता 12 हजार हॉर्स पावर है और इन्हें ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनाया जा रहा है। खास बात यह है कि दुनिया में भारत के अलावा सिर्फ 5 ऐसे मुल्क हैं जो 12 हजार हॉर्सपावर या इससे ज्यादा की क्षमता वाले रेल इंजन बनाते हैं। 12,000 हॉर्सपावर से ज्यादा की क्षमता वाले इंजन बनाने वाले अन्य देशों में रूस, चीन, फ्रांस जर्मनी और स्वीडन शामिल हैं।
अब तक बन चुके हैं ऐसे 100 इंजन
भारत में इन ताकतवर इंजनों का निर्माण एक फ्रांसीसी कंपनी के साथ मिलकर किया जा रहा है। इन इंजनों को मधेपुरा की इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री में बनाया जाता है। WAG-12 B नाम के ये इंजन 180 टन के हैं। भारत में अब तक ऐसे 100 ताकतवर इंजन बन चुके हैं और 800 और बनाए जाने हैं। दुनिया में पहली बार ब्रॉड गेज रेलवे लाइन पर केवल भारत ने इस शक्तिशाली रेल इंजन को दौड़ाया है। इनमें जीपीएस भी दिया गया है, जिसकी सहायता से इन्हें कहीं भी ट्रैक किया जा सकता है।
मालगाड़ियों को देता है अच्छी रफ्तार
बता दें कि यह इंजन 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ सकता है। इसकी मदद से भारत में मालगाड़ियों की औसत गति और भार ले जाने की क्षमता बेहतर हो रही है। मधेपुरा में बनने वाले इंजन ट्विन बो-बो डिजाइन वाले हैं। इस रेल इंजन का एक्सल लोड 22.5 टन है जिसे 25 टन तक बढ़ाया जा सकता है। यह इंजन काफी ऊंचाई वाले इलाकों में भी माल ले जा सकता है। मास्टर लोको में किसी तरह की खराबी आने की परिस्थिति में स्लेव लोको के पावर से कार्य किया जा सकता है।
इस इंजन में हैं और भी खासियतें
खास बात यह है कि लोड कम होने की दशा में दो में से एक इंजन को बंद करके भी काम चलाया जा सकता है। इसकी लंबाई 35 मीटर हैं और इसमे 1000 लीटर हाई कंप्रेसर कैपेसिटी के दो MR टैंक लगाए गए हैं। यह लॉन्ग हॉल लोड को भी सुगमता से चलाने में सक्षम है। बता दें कि रूस में 17 हजार हॉर्सपावर से भी ज्यादा की क्षमता वाले इंजन बन चुके हैं जबकि जर्मनी भी 16 हजार हॉर्सपावर से ज्यादा की क्षमता वाले इंजन बना चुका है।
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