Highlights
- 148 करोड़ की लागत से होगा जैसलमेर रेलवे स्टेशन का कायापलट
- 3 मंजिल का बनाया जाएगा रेलवे स्टेशन
- मॉडर्न एस्केलेटर और लिफ्ट के साथ-साथ कई आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी
Indian Railways: भारतीय रेलवे लगातार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। अब रेलवे ने ये जिम्मा उठाया है कि वह राजस्थान के जैसलमेर रेलवे स्टेशन की कायापलट करेगा। इस रेलवे स्टेशन को 148 करोड़ की लागत से तैयार किया जाएगा। अभी ये रेलवे स्टेशन 2 मंजिल का है लेकिन अब इसे 3 मंजिल का बनाया जाएगा। इसमें मॉडर्न एस्केलेटर और लिफ्ट के साथ-साथ कई आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। रेलवे ने इस स्टेशन को विकसित करने के लिए पूरी तरह कमर कस ली है।
इस रेलवे स्टेशन का कॉमर्शियल तौर पर कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है, इसके लिए टेंडर लिए जा चुके हैं। रेलवे (Indian Railways) डीआरएम का कहना है कि ये काम अक्टूबर में शुरू हो सकता है। इसे पूरा करने में 2 साल का समय लग सकता है।
एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं मुहैया करवाने की तैयारी
जैसलमेर के रेलवे (Indian Railways) स्टेशन को एयरपोर्ट की तरह सुविधाओं से लैस करने की तैयारी है। यहां के एंट्रेंस से लेकर प्लेटफार्मों तक की सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा और एस्केलेटर सीढ़ियां, लिफ्ट वगैरह लगाई जाएंगी। यहां पहले फेज के कामों के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं। गौरतलब है कि जैसलमेर में काफी पर्यटक आते हैं, ऐसे में रेलवे सुविधाओं का विस्तार होने से पर्यटकों को काफी सुविधाएं मिलेंगी।
रेलवे के कई प्रोजेक्ट्स में आ रही देरी
हालही में एक रिपोर्ट में सामने आई थी कि रेलवे के 4 में 3 प्रोजेक्ट लेट चल रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह ये भी बताई जा रही है कि सड़क और परिवहन मंत्रालय की लागत 9.67 प्रतिशत बढ़ गई है। दरअसल परियोजनाओ की लागत के आधार पर रेलवे (Indian Railways) देश का दूसरा सबसे बड़ा मंत्रालय है। लेकिन यहां हर 4 में से 3 प्रोजेक्ट में देरी हो रही है क्योंकि लागत का एक बड़ा हिस्सा सड़क और परिवहन मंत्रालय के पास है।
बता दें कि इससे पहले ये खबर भी सामने आई थी कि मध्य रेलवे (Indian Railways) महाराष्ट्र के पुणे शिवाजीनगर रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित करने की तैयारी में है। पहले ये जिम्मेदारी आरएलडीए (रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण) को दी गई थी। लेकिन, उन्होंने कोई काम नहीं किया तो रेलवे बोर्ड ने मध्य रेलवे को इस काम की जिम्मेदारी सौंप दी।
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि भारतीय रेलवे की योजना साल 2024 तक भारत के ज्यादातर स्टेशनों को विकसित करने की है। इसमें शिवाजीनगर स्टेशन को भी शामिल किया गया है।