Highlights
- भारत हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें विकसित कर रहा
- वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों का निर्माण आईसीएफ चेन्नई में किया जा रहा है
- जल्द ही ये रेल पटरियों पर दौड़ती हुई नजर आएंगी
भारत तेजी से रेलों की रफ्तार और अपडेशन पर तेजी से काम कर रहा है। बुलेट ट्रेन, वंदे भारत ट्रेनों पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है। वहीं कुछ ऐसी ईंधन और बिजली बचाने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे एक बड़ा काम करने जा रहा है। रेलवे अब हाईड्रोजन से ट्रेनें चलाएगा। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें विकसित कर रहा है और वे 2023 में तैयार हो जाएंगी। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एसओए विश्वविद्यालय में केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे अपनी गति शक्ति टर्मिनल नीति के माध्यम से देश के दूरस्थ और असंबद्ध क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने का प्रयास कर रहा है और इस नीति के तहत तेजी से काम चल रहा है।
वंदे भारत ट्रेन के बारे में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदेभारत एक्सप्रेस, जो देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेनों में से एक है। उसे भारत ‘मेक इन इंडिया‘ के तहत देश की ही तकनीक से विकसित कर रहा है। यह ट्रेन पिछले करीब 2 सालों से बिना किसी बड़े ब्रेकडाउन के सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी और वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों का निर्माण आईसीएफ चेन्नई में किया जा रहा है और जल्द ही ये रेल पटरियों पर दौड़ती हुई नजर आएंगी। वंदे भारत को रेलवे सुरक्षा आयुक्त से हरी झंडी मिल गई है।
रेल मंत्री ने ट्रेन और ट्रैक मैनेजमेंट के बारे में पहले कहा था कि हमारा ध्यान सिर्फ ट्रेनें बनाने पर ही नहीं है, बल्कि हम सेमी हाई स्पीड या हाई स्प्ीड ट्रेनों को चलाने के लिए ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वंदे भारत की टेस्टिंग के दौरान हमने दिखा दिया है कि पूरी तरह से भरा गिलास भी 180 किमी की रफ्तार पर छलकता नहीं है।
जल्द शुरू होगा 72 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों का सीरियल प्रोडक्शन
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि सेकंड जनरेशन वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल रन सक्सेसफुल हो चुका है। है इसके बाद अब बाकी 72 ट्रेनों को बड़े पैमान पर प्रोडक्शन जल्दी शुरू किया जाएगा। रेल मंत्री ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि तीसरी वंदे भारत ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रति घंटा है। यह बुलेट ट्रेन द्वारा लिए गए 55 सेकंड की तुलना में 52 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ती है। पहली पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में 54.6 सेकेंड लेती हैं और उनकी अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटे की है।
जर्मनी में लॉन्च हुई थी हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन
जर्मनी ने लोअर सैक्सोनी में हाइड्रोजन से चलने वाली यात्री ट्रेनों का दुनिया का पहला बेड़ा इस साल अगस्त में लॉन्च किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली 14 ट्रेनों का निर्माण फ्रांस की कंपनी एल्सटॉम ने किया है। जर्मनी में डीजल से चलने वाली ट्रेनों की जगह अब ये ट्रेनें लेंगी।