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Indian Railway: रेलवे का सफर हुआ अब और महंगा, 130 ट्रेनों का बढ़ाया गया किराया; देखें नई लिस्ट

Indian Railway: इंडियन रेलवे ने मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों को सुपरफास्ट का दर्जा देकर सभी श्रणियों के किराया बढ़ा दिया है।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Oct 06, 2022 10:58 IST, Updated : Oct 06, 2022 12:23 IST
रेलवे ने बढ़ाया ट्रेनों का किराया
Image Source : INDIA TV रेलवे ने बढ़ाया ट्रेनों का किराया

Highlights

  • यह व्यवस्था 1 अक्तूबर से लागू
  • मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत रफ्तार 50 से 58 किमी प्रतिघंटा
  • इंडियन रेलवे 45 साल से ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ाने में विफल

Indian Railway: भारतीय रेलवे ने देशभर की 130 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों को सुपरफास्ट का दर्जा देकर सभी श्रणियों के किराए में भारी बढ़ोतरी की है। रेलवे ने ट्रेनों के एसी-1 और एक्जीक्यूटिव श्रेणी में 75 रुपये प्रति यात्री, एसी-2,3, चेयरकार में 45 रुपये व स्लीपर श्रेणी में 30 रुपये प्रति यात्री किराया बढ़ा दी है। इस प्रकार यात्रियों को एक पीएनआर (6 यात्री) की बुकिंग में एसी-1 में 450 रुपये, एसी-2,3 में 270 और स्लीपर में 180 रुपये यात्रियों को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। यह व्यवस्था 1 अक्तूबर से लागू कर दी गई है।

खानपान और यात्री सुरक्षा में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं

हालांकि, इन सभी ट्रेनों में खानपान, यात्री सुरक्षा अथवा सुविधाओं में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई है। इस मद में एक पैसा खर्च किए बगैर रेलवे ने सभी श्रेणियों में किराया बढ़ा दिया है। रेल नियम के मुताबिक, 56 किलोमीटर प्रतिघंटा की औसत रफ्तार पर चलने वाली ट्रेनों को टाइम टेबल में सुपरफास्ट का दर्जा दे दिया जाता है।

जानकारों का कहना है कि भारतीय रेल 45 साल से ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ाने में विफल रही है। इसमें चार दशक से मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत रफ्तार 50 से 58 किमी प्रतिघंटा है, जबकि रेलवे की प्रीमियम राजधानी, शताब्दी, दुरंतों ट्रेनों आदि की औसत रफ्तार 70-85 किमी प्रतिघंटा है। करीब 15-20 फीसदी ट्रेनें कभी भी निर्धारित टाइम पर अपने गंतव्य नहीं पहुंचती हैं। करीब 60 फीसदी ट्रेनें 15-20 मिनट देरी से पहुंचती हैं।

पैसेंजर ट्रेनों को भी मेल-एक्सप्रेस का दर्जा

रेलवे के नए टाइम टेबल 2022-23 में बड़ी संख्या में पैसेंजर ट्रेनों को मेल-एक्सप्रेस का दर्जा दे दिया है। इसका सीधा अर्थ यह है कि लाखों दैनिक यात्री इन ट्रेनों में सफर नहीं कर सकेंगे, क्योंकि बढ़ा किराया इन्हें ऐसा करने से रोकेगा। इतना ही नहीं बिना टिकट के सफर करने पर किराया व जुर्माना दोनों लिया जाएगा। इसके अलावा मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में बेसिक किराए के अलावा रिजर्वेशन चार्ज, सुपरफास्ट चार्ज सहित GST लगाया जाता है।

उदाहरण के लिए टाइम टेबल 2022-23 में दिल्ली-भटिंडा (ट्रेन संख्या 20409) पैसेंजर ट्रेन को मेल-एक्सप्रेस का दर्जा दिया गया है। इसकी दूरी 298 किलोमीटर है, वहीं रेल नियम के मुताबिक, 325 किलोमीटर तक पैसेजर ट्रेनें चलाई जाती हैं। इतना ही नहीं इस ट्रेन को सुपरफास्ट का भी दर्जा दिया गया है। दिल्ली-सहारनपुर (ट्रेन संख्या 20411) को पैसेंजर से मेल-एक्सप्रेस का दर्जा दिया गया है, जबकि दिल्ली-सहारनपुर की दूरी 181 किमी है।

ट्रेन 17 घंटे ज्यादा समय लेती है

नए टाइम टेबल में मेरठ-श्रीगंगा नगर वाया दिल्ली (संख्या 14030) ट्रेन चलाई गई है। 588 किमी की दूरी में ट्रेन के 84 ठहराव हैं। पहला ठहराव मेरठ रेलवे स्टेशन के बाद 4 किमी दूर परतापुर स्टेशन पर है। इससे ट्रेन 588 किलोमीटर की दूरी तय करने में 17 घंटे ज्यादा समय लेती है और इसकी औसत रफ्तार 35 किलोमीटर प्रतिघंटा रह जाती है।

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