बरेली: रेलवे के एक सीनियर अधिकारी की बेटी के जूते सफर के दौरान गुम हो गए। फिर क्या था पूरे विभाग में खलबली मच गई। मामला साहेब से जुड़ा हुआ था, लिहाजा जूते की खोजबीन में रेलवे का पूरा महकमा जुट गया। पूरी तत्परता से खोजबीन की जाने लगी। कुछ पता नहीं चल रहा था लिहाजा जीआरपी, आरपीएएफ और आईआरसीटीसी को भी इस मुहिम में लगाया गया। इस संबंध में जीआरपी में एफआईआर भी दर्ज कराई गई। करीब एक महीने तक तीनों एजेंसियां जूता ढूंढने में जुटी रहीं। यूपी से लेकर ओडिशा तक छानबीन की गई। करीब एक महीने बात जूते के बारे में जो पता चला उसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।
दरअसल, ओडिशा में तैनात डिविजनर रेलवे मैनेजर (DRM) की तरफ से यह शिकायत दर्ज कराई गई कि लखनऊ मेल के एसी फर्स्ट कोच से उनकी बेटी 3 जनवरी को दिल्ली से लखनऊ जा रही थी। सफर के दौरान उसका जूता चोरी हो गया। डीआरएम की बेटी को उसके सहयात्री महिला पर जूते चोरी करने का शक था।
इसके बाद तीनों एजेंसियां जूते की तलाश में रात-दिन जुट गईं। करीब महीनेभर बाद उस महिला का पता चला जो डीआरएम की बेटी के बगल वाले बर्थ पर थी। पता चला कि वह पेशे से डॉक्टर है और उसने गलती से डीआरएम की बेटी का जूता पहन लिया था। महिला डॉक्टर ने पूछताछ में बताया कि 4 जनवरी की सुबह जब ट्रेन बरेली स्टेशन पर पहुंची तो उसने जल्दबाजी में गलत जूता पहन लिया। इसके बाद महिला ने डीआरएम की बेटी का जूता लौटा दिया। जूते की कीमत 10 हजार रुपये बताई जा रही है।
यह भी पढ़ें-