केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है। इस मामले में यमन की सुप्रीम कोर्ट में निमिषा ने अर्जी दाखिल की जिसे यमन की सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। दरअसल निमिषा पर एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप है। केंद्र सरकार ने बताया कि यमन की सुप्रीम कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद यमन के राष्ट्रपति को अब इसपर फैसला लेना है। ऐसे में अपनी बेटी को बचाने के लिए निमिषा की मां ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। ये बातें इस मामले में सुनवाई के दौरान सामने आई हैं। साथ ही निमिषा की मां ने अपनी यमन की यात्रा को लेकर अनुमति भी मांगी है ताकि वह 'ब्लड मनी' के जरिए पीड़ित परिवार को भरपाई कर सके और अपनी बेटी की जान बचा सके।
कौन है निमिषा प्रिया?
केरल की रहने वाली निमिषा नर्स है जिसने यमन में अपना क्लीनिक खोला था। जानकारी के मुताबिक, उसकी दोस्ती यमन में एक शख्स से हुई, जिसका नाम था आब्दो महदी। महदी ने उसकी क्लीनिक को खोलने में मदद करने का वादा किया था। यह भी दावा किया जाता है कि महदी ने अपना वादा नहीं निभाया, बावजूद इसके निमिषा ने यमन में अपना क्लीनिक खोल लिया। जानकारी के मुताबिक, इसके बाद महदी निमिषा को परेशान करने लगा और उसे अपनी दूसरी पत्नी बताने लगा। वह बार-बार निमिषा से पैसे मांगता। इस बात को लेकर निमिषा ने पुलिस में शिकायत भी की, जिसके बाद कुछ दिनों तक महदी को जेल में रहना पड़ा। हालांकि जब महदी जेल से वापस आया तो उसने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, पासपोर्ट को महदी से वापस पाने के लिए निमिषा ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। लेकिन बेहोशी के इंजेक्शन का डोज ओवरडोज में बदल गया, और महदी की मौत हो गई। इसके बाद निमिषा ने अपनी कलीग हनान के साथ मिलकर महदी के शरीर के टुकड़े कर डाले और उसकी शरीर को पानी के टैंक में फेंक दिया। बता दें कि हनान यमनी नागरिक है। इस मामले में साल 2018 में निमिषा को मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि हनान को आजीवन कैद हुई थी। निमिषा का एक 8 साल का बेटा भी है। निमिषा साल 2018 से ही यमन के सना में काम कर रही है।
गुरुवार को केंद्र सरकार के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया कि हाल ही में जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक भारतीयों की यमन यात्रा पर लगे प्रतिबंध पर छूट मिल सकती है। लेकिन इसके लिए वजह बहुत स्पेसिफिक होनी चाहिए और समय की भी पाबंदी होनी चाहिए। इससे पहले निमिषा की मां ने कोर्ट को बताया कि उनकी बेटी को बचाने का एक तरीका है कि मृतक के परिजनों से बातचीत की जाए। इसके लिए उन्हें यमन जाना होगा और भारतीयों की यमन यात्रा पर बैन लगे होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रही हैं।
क्या है ब्लड मनी?
अरब देशों समेत यमन में एक व्यवस्था सालों से चली जा रही है जिसे 'ब्लड मनी' कहा जाता है। दरअसल इस शब्द का आशय उस पैसे से है जो मृतक के परिवार को दी जाती है, जिससे दोषी की जान बचाई जा सकती है। एक तरीके से यह मुआवजे की मोटी रकम होती है जो मृतक के परिजनों को हर्जाने के रूप में दिया जाता है। इसके मुताबिक अगर मरने वाले व्यक्ति के परिजन चाहे तो हत्यारे से समझौता करके कुछ पैसे लेकर उसे माफी दे सकते हैं। ऐसी भी खबरें आई थीं कि महदी के परिजनों ने निमिषा के परिजनों से ब्लड मनी के तौर पर 5 करोड़ यमनी रियाल मांगे थे। यानी भारतीय मुद्रा में यह राशि 1.52 करोड़ रुपये होती है।