भारतीय नौसेना का इरादा साल 2047 तक आत्मनिर्भर बन जाने का है। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने शनिवार को यह बात कही। एडमिरल आर हरि कुमार के मुताबिक विश्वास जताते हुए सरकार को यह बताया है कि 2047 तक भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर बन जाएगी। गौरतलब है कि 4 दिसंबर को नौसेना दिवस है इससे 1 दिन पूर्व एडमिरल आर हरि कुमार ने समुद्री सीमाओं की सुरक्षा पर कहा कि नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी सैन्य जहाजों की गतिविधियों पर नजर रखती है।
नौसेना दिवस समारोह में शामिल होंगी राष्ट्रपति मुर्मू
भारतीय नौसेना ने कहा कि इस साल पहली बार नौसेना दिवस समारोह राष्ट्रीय राजधानी के बाहर विशाखापत्तनम में आयोजित किया जा रहा है। भारतीय नौसेना की भूमिका और 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' में इसकी उपलब्धियों को याद करने के लिए भारत हर साल 04 दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में मनाता है। इस साल, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के समारोह की शुरूआत के साथ 'अमृत काल' की शुरूआत कर रहा है, भारतीय नौसेना रविवार को विशाखापत्तनम में एक 'संचालनात्मक प्रदर्शन' के माध्यम से भारत की युद्ध कौशल और क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर और भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल होंगी।
पहली बार राजधानी के बाहर हो रहा आयोजन
नौसेना के चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल आर हरि कुमार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्र और राज्य सरकारों के कई गणमान्य व्यक्तियों के भाग लेने की उम्मीद है। परंपरागत रूप से, नौसेना दिवस समारोह नई दिल्ली में राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित किया जाता है। इस साल पहली बार नौसेना दिवस समारोह राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित किया जा रहा है। भारतीय नौसेना के जहाज, पनडुब्बियां, विमान और पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी नौसेना कमान के विशेष बल भारतीय नौसेना की क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस कार्यक्रम का समापन सूर्यास्त समारोह और लंगरगाह में जहाजों द्वारा रोशनी के साथ होगा।
सरकार की ओर से मिले स्पष्ट दिशा-निर्देश
नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना ने पिछले एक साल में बहुत उच्च परिचालन गति हासिल की है और समुद्री सुरक्षा की अहमियत पर अधिक जोर दिया गया है। नौसेना के मुताबिक सरकार ने नौसेना को आत्मनिर्भर भारत पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। इसी को देखते हुए नौसेना ने साल 2047 तक पूरी तरह आत्मनिर्भर बन जाने की उम्मीद जताई है। उन्होंने, आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग भारत के लिए एक ऐतिहासिक घटना बताई। नौसेना के मुताबिक उनका उद्देश्य मेड-इन-इंडिया सुरक्षा उपकरण विकसित करना है। वहीं एक अन्य जानकारी देते हुए भारतीय नौसेना ने बताया कि नौसेना में करीब 3,000 अग्निवीरों की भर्ती हो चुकी है। इनमें से 341 महिलाएं भी हैं। यह पहला अवसर है जब नौसेना महिला नाविकों को अपने बेड़े में शामिल कर रहे हैं।