भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए वैश्विक इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर को गैरकानूनी/प्रतिबंधित संगठन घोषित करते हुए कहा कि ये संगठन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। आइए जानते हैं कि क्या है हिज्ब-उत-तहरीर, इसकी स्थापना कब हुई और इस कट्टरपंथी समूह का मकसद क्या है।
आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा समूह
केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हिज्ब उत तहरीर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ISIS जैसे आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में शामिल है। इसके साथ ही ये समूह आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिज्ब उत तहरीर सोशल मीडिया और सुरक्षित ऐप्स का सहारा लेकर युवाओं को आतंकी कार्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बैठकें आयोजित करता है। यह समूह आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है मकसद
केंद्र सरकार ने हिज्ब-उत-तहरीर को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। सरकार का मानना है कि हिज्ब-उत-तहरीर आतंकवाद में शामिल है और उसने भारत में आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों में भाग लिया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिज्ब-उत-तहरीर का लक्ष्य लोकतांत्रिक सरकार को जिहाद के माध्यम से हटाकर भारत सहित विश्वस्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है।
यरुशलम से खास कनेक्शन
हिज्ब-उत-तहरीर को बांग्लादेश और यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों में एक प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया है। ब्रिटेन ने इसे एक यहूदी विरोधी संगठन कहा था जो कि सक्रिय रूप से आतंकवाद को बढ़ावा देता है और प्रोत्साहित करता है। आपको बता दें कि इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना साल 1953 में यरुशलम में की गई थी। अरबी में हिज्ब-उत-तहरीर का मतलब 'मुक्ति की पार्टी' है। यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के मुताबिक, ये संगठन गैर-सैन्य तरीकों से खिलाफत की पुन: स्थापना पर काम करता है।
NIA ने भी की कार्रवाई
इससे पहले NIA ने भी गुरुवार को तमिलनाडु हिज्ब-उत-तहरीर, भारत विरोधी साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार एक आरोपी के घर की तलाशी ली है। फैज़ुल रहमान नामक शख्स के घर पर तलाशी की गई और डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों सहित कई आपत्तिजनक सामग्रियों को जब्त किया गया है। NIA द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी पर अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए पूरे तमिलनाडु में कई अभियान चलाने का आरोप है।
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