Highlights
- भारतीय दूतावास की रखवाली कर रहा है ITBP
- दूतावास में 60 से 70 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं
- उन्होंने किसी सामान को हाथ नहीं लगाया।
Indian Embassy in Kabul: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारतीय दूतावास के संचालन से तालिबान बेहद खुश है। तालिबान के विदेश मंत्रालय ने भी भारत के इस कदम का तहे दिल से स्वागत किया है। तालिबान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहार बल्खी ने अफगानिस्तान में राजनयिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए भारत की प्रशंसा की। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि काबुल में भारतीय दूतावास पूरी क्षमता से खुला है या नहीं। अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद भारत ने अपने राजनयिकों को वापस ले लिया था। जिसके बाद 23 जून 2022 को काबुल स्थित दूतावास की जांच के लिए भारतीय अधिकारियों की एक छोटी टीम भेजी गई। तब से अफगानिस्तान में भारतीय अधिकारियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
भारतीय दूतावास की रखवाली कर रहा है ITBP
तालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहार बल्खी ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा कि इस्लामिक अमीरात काबुल में राजनयिक प्रतिनिधित्व को उन्नत करने के भारत के कदम का स्वागत करता है। उन्होंने भारत को आश्वासन दिया कि भारतीय दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा हम राजनयिकों के अधिकारों पर पूरा ध्यान देंगे और प्रयासों में अच्छा सहयोग करेंगे। बाल्खी ने यह भी कहा कि अफगान सरकार को उम्मीद है कि राजनयिक प्रतिनिधित्व को उन्नत करने और राजनयिकों को भेजने से अफगान-भारत संबंध मजबूत होंगे, जिससे भारत की अधूरी परियोजनाओं को पूरा किया जा सकेगा। इसके अलावा नए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू होंगे। वर्तमान में भारतीय दूतावास में 60 से 70 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें मिशन के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत एक निदेशक स्तर के आईएफएस अधिकारी के साथ पांच से सात अधिकारी शामिल हैं। भारतीय दूतावास की सुरक्षा में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की एक बड़ी टुकड़ी भी तैनात है। वर्तमान में भारतीय दूतावास की पूरी क्षमता का लगभग एक तिहाई ही काम कर रहा है। हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा है कि भारत जल्द ही अफगानिस्तान में अपने अधिकारियों और राजनयिकों की संख्या बढ़ाएगा।
भारतीय दूतावास की सुरक्षा तालिबान ने की थी
भारतीय दूतावास खुलने के बावजूद अब तक वीजा सेक्शन को बंद रखा गया है. अफगानिस्तान के नागरिकों को ई-वीजा मार्ग के माध्यम से केवल सीमित संख्या में वीजा जारी किए गए हैं, जिससे भारत में इलाज की उम्मीद कर रहे सैकड़ों छात्रों और रोगियों को बहुत निराशा हुई है। अफगान नागरिकों के भारत आने के लिए अफगानिस्तान की एरियाना एयरलाइंस जल्द ही काबुल से दिल्ली के बीच उड़ान सेवा शुरू करने जा रही है। कामा एयर पहले से ही भारत-अफगानिस्तान हवाई सेवा प्रदान कर रही है, लेकिन सीमित उड़ानें और वीजा जारी न होने के कारण यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। पिछले साल अफगानिस्तान से भारतीय राजनयिकों की वापसी के बाद तालिबान ने भारतीय दूतावास और मिशन की सुरक्षा की थी। जून में जब भारत की तकनीकी टीम पहुंची, तो उन्होंने दूतावास में सब कुछ सही पाया। तालिबान ने दूतावास में रखे गए गोला बारूद, बुलेटप्रूफ जैकेट और निगरानी उपकरणों को हाथ तक नहीं लगाया। हालांकि सभी भंडारण कक्षों और कंटेनरों के ताले जरूर टूटे हुए थे। ऐसे में तालिबान लड़ाकों ने दूतावास की जांच जरूर की थी लेकिन उन्होंने किसी सामान को हाथ नहीं लगाया।